<![CDATA[देश की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी का सितंबर तिमाही में मुनाफा 15 पर्सेंट बढ़ा है। स्टेबल स्प्रेड और सरकार की पहल की वजह से अफोर्डेबल हाउसिंग की मांग बढ़ने से कंपनी के बिजनेस में अच्छी ग्रोथ हुई है। एचडीएफसी का नेट प्रॉफिट सितंबर तिमाही में 2,101.12 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में यह 1,826.50 करोड़ रुपये था। इस साल सितंबर क्वॉर्टर में एचडीएफसी का नेट इंटरेस्ट मार्जिन 3.9 पर्सेंट रहा। हाउसिंग फाइनेंस कंपनी के वाइस चेयरमैन केकी मिस्त्री ने बताया, 'सरकार की पहल से अफोर्डेबल हाउसिंग की मांग बढ़ी है, जिससे हमें यह ग्रोथ हासिल हुई। प्रॉपर्टी के दाम में स्थिरता का भी मार्केट पर पॉजिटिव असर हुआ है।' कमाए और चुकाए गए ब्याज का अंतर यानी नेट इंटरेस्ट इनकम 14 पर्सेंट बढ़कर सितंबर क्वॉर्टर में 2,612 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले साल की इसी तिमाही में 2,299 करोड़ रुपये थी। एचडीएफसी के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर सोमवार को 0.44 पर्सेंट की तेजी के साथ 1,705.50 रुपये पर रहे। एचडीएफसी की लोन ग्रोथ सितंबर क्वॉर्टर में 18 पर्सेंट रही। यह कुल 3.68 लाख करोड़ रुपये रही। इंडिविजुअल लोन बुक में 16 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुी। हाई मार्जिन नॉन-इंडिविजुअल लोन बुक सितंबर तिमाही में 24 पर्सेंट बढ़ी। इसमें डिवेलपर सेगमेंट से अफोर्डेबल हाउसिंग की मांग का बड़ा असर हुआ। एचडीएफसी का एवरेज लोन साइज सितंबर क्वॉर्टर में 23.6 लाख रुपये रह गया, जो सालभर पहले की इसी तिमाही में 26 लाख रुपये था। उधारी लागत की तुलना में लोन स्प्रेड 2.29 पर्सेंट रहा। इंडिविजुअल लोन बुक के लिए स्प्रेड 1.92 पर्सेंट और नॉन-इंडिविजुअल लोन बुक के लिए 3.10 पर्सेंट रहा। एसेट क्वॉलिटी स्टेबल हुई सितंबर क्वॉर्टर में कंपनी का ग्रॉस एनपीए 1.14 पर्सेंट रहा, जो पिछली तिमाही में 1.12 पर्सेंट था। नॉन-इंडिविजुअल सेगमेंट में ग्रॉस एनपीए 2.18 पर्सेंट रहा, जो 2.09 पर्सेंट था। इस कैटेगरी में डिवेलपर्स, कॉरपोरेट्स और लीज लेंटल डिस्काउंटिंग शामिल हैं। इंडिविजुअल ग्रॉस एनपीए 0.65 पर्सेंट के साथ स्टेबल रहा। कंपनी ने सितंबर तिमाही में 3,235 करोड़ रुपये की प्रोविजनिंग की, जबकि नियम के लिहाज से 2,500 करोड़ रुपये ही अलग रखने जरूरी थे। मिस्त्री ने कहा कि स्टेक सेल से हमें जो पैसा मिलता है, उसमें से 30 पर्सेंट विंडफॉल गेन को अलग रखा जाता रहा है। हालांकि, एचडीएफसी का बोर्ड इस बारे में आखिरी फैसला करेगा। यह रकम मुश्किल वक्त में काम आने के लिए अलग रखी जाती है। एचडीएफसी लाइफ को शेयर बाजार में लिस्ट कराने की तैयारी हो रही है। इसमें कंपनी 10 पर्सेंट हिस्सेदारी और उसकी पार्टनर स्टैंडर्ड लाइफ 5 पर्सेंट हिस्सेदारी बेचने जा रही हैं। दिसंबर तिमाही के रिजल्ट में यह वनटाइम गेन के तौर पर दिखेगा। इतनी हिस्सेदारी बेचने से एचडीएफसी को 5,700 करोड़ रुपये मिलेंगे। एचडीएफसी का कंसॉलिडेटेड प्रॉफिट सितंबर तिमाही में 17 पर्सेंट बढ़कर 2,869 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल इस तिमाही में 2,446 करोड़ रुपये था]]>