राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए अपने अभिभाषण में कहा कि सरकार देश में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के प्रतिबद्ध है और इस दिशा में अनेक प्रभावी कदम उठाए गए हैं। उनका कहना था कि काले धन के खिलाफ शुरू की गई मुहिम और तेज गति से आगे बढ़ायी जाएगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले दो वर्षों में चार लाख 25 हजार निदेशकों को अयोग्य घोषित किया गया है और तीन लाख 50 हजार संदिग्ध कंपनियों का रजिस्ट्रेशन निरस्त किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि आर्थिक अपराध के बाद विदेश भागने वालों पर नियंत्रण के लिए लाए गए कानून ‘भगोड़ा और आर्थिक अपराधी अधिनियम’ इस मामले में काफी उपयोगी सिद्ध हो रहा है। राष्ट्रपति का कहना था कि, ‘अब हमें 146 देशों से जानकारी प्राप्त हो रही है, जिसमें स्विटजरलैंड भी शामिल है। इनमें से 80 देश ऐसे हैं, जिनसे हमारा जानकारियों का स्वत: आदान-प्रदान करने का समझौता हुआ है। जिन लोगों ने विदेशों में काला धन इकट्ठा किया है, हमें
अब उन सबकी गुप्त जानकारी प्राप्त हो रही है।’
राष्ट्रपति ने कहा कि विश्व समुदाय काले धन के खत्मेे के लिए भारत का समर्थन कर रहा है। रियल एस्टेट क्षेत्र का उल्लेख करते हुए, राष्ट्रपति का कहना था कि रियल एस्टेट विनियमन अधिनियम (रेरा) का प्रभाव रियल एस्टेट क्षेत्र में काले धन के लेनदेन को रोकने और ग्राहकों के हितों की रक्षा में ‘स्पष्ट रूप से दिखाई देता है’। इसने ‘मध्यम वर्ग के परिवारों को रियल एस्टेट क्षेत्र की परेशानियों से काफी राहत दी है।
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