<![CDATA[वित्त मंत्रालय ने कहा है कि सरकारी बैंकों को 2.11 लाख करोड़ रुपये पूंजी देने से न सिर्फ बैंक मजबूत होंगे बल्कि इससे उद्योगों और सूक्ष्म, लघु व मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को ज्यादा वित्तीय मदद दी जा सकेगी। वित्तीय सेवाओं के सचिव राजीव कुमार ने कहा है कि बैंकों को एमएसएमई सेक्टर को मदद देने के लिए आगे आना चाहिए और उनकी आर्थिक गतिविधियों के विकास और रोजगार सृजन का आधार बनना चाहिए। एमएसएमई सेक्टर को नकदी की कमी और सीमित बाजार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इन समस्याओं को दूर करने के लिए चार तरीके अपनाये जा रहे हैं। हम सभी प्रमुख सप्लायरों को ट्रेड रिसीवेबल्स इलेक्ट्रॉनिक डिस्काउंट सिस्टम (टीआरईडीएस) में पंजीकृत कर रहे हैं। इससे निश्चित समय के भीतर बकाया भुगतान की जिम्मेदारी तय होगी। उदयमित्र पोर्टल से एमएसएमई प्रोजेक्टों को लोन देने के लिए बैंकों में प्रतिस्पर्धा का माहौल बनेगा। कुमार के अनुसार अगर किसी उद्यमी के पास अच्छा प्रोजेक्ट है तो उसे बैंकों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। वे बैंकों से कम ब्याज पर कर्ज के लिए बात कर सकेंगे। बाजार तक एमएसएमई की पहुंच के लिए गवर्नमेंट इलेक्ट्रॉनिक मार्केटप्लेस (जीईएम विकसित किया गया है। इसके जरिये छोटे उद्योग सरकारों को सप्लाई कर सकेंगे। इसके अलावा ई-कॉमर्स वेबसाइटों के जरिये भी छोटे उद्योग बाजार तक पहुंच बना सकते हैं। ]]>