इस समय निवेश के लिए जिस तरह का माहौल है उसमें एसआइपी को लोग पंसद नहीं कर रहे हैं। लेकिन एसआईपी निवेश लोगों की पसंदीदा विषय हुआ करता था। इसके बारे में कुछ बातें महत्वपूर्ण हैं, जिन्हें निवेशकों को ध्यान में रखना चाहिए। इस समय निवेश को लेकर, खासतौर पर एसआइपी में निवेश को लेकर काफी दुष्प्रचार चल रहा है। अगर निवेशक इन बेवजह की बातों पर ध्यान देते हैं तो यह उनके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। आजकल एसआइपी निवेश को लेकर कई तरह के लेख सामने आ रहे हैं। इनमें दावा किया जा रहा है कि पिछले पांच वर्षो के दौरान कई फंड्स में किए गए एसआइपी निवेश में अच्छा रिटर्न नहीं मिला है। यहां तक कि आपको कुछ ऐसे लेख भी मिलेंगे जिनमें एसआइपी निवेश नहीं करने की सलाह दी जा रही है। अच्छी बात यह है कि यह सब होने के बावजूद इन लेखों में कुल मिलाकर एसआइपी निवेश रोकने को नहीं कहा जा रहा है। यह ऐसा समय है जब इक्विटी वैल्यू में ठहराव है। निवेश करने या नहीं करने का सवाल उस समय के लिए ठीक है, जब मार्केट चढ़ाव पर होता है और तेजी से ऊपर जा रहा होता है।
इस समय हम 586 इक्विटी म्यूचुअल फंड्स पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। पिछले पांच साल में इनका ट्रैक रिकॉर्ड भी काफी अच्छा रहा है। इस दौरान इनमें से 549 फंड्स के लिए एसआइपी रिटर्न फायदे में रहा है। दिलचस्प यह है कि एक तरफ इक्विटी निवेश में उठापटक का दौर है और पूरी मीडिया में हर रोज रिटर्न को लेकर रोना-धोना मचा रहता है। दूसरी तरफ, ऐसे समय में भी आधे फंड्स ने 6.5 परसेंट से अधिक का रिटर्न दिया है और करीब एक चौथाई ने तो 7.5 परसेंट तक रिटर्न दिया है।
इक्विटी निवेश में उतार-चढ़ाव बना रहता है और जब यह ठहराव के दौर में है, मैं इसे आपदा की तरह नहीं देखता। हम 2008-09 का ऐसा दौर देख चुके हैं, जब कुछ ही सप्ताह में आधा निवेश फुर्र हो गया था। इसलिए एसआइपी निवेश को लेकर चल रहा रोना-धोना मुङो बेवजह लग रहा है।
मेरे जैसा कोई भी व्यक्ति जो इक्विटी मार्केट के उतार चढ़ाव को समझता है वह एसआइपी को लेकर मचाए जा रहे इस शोरगुल पर ध्यान नहीं देगा। पिछले दो दशकों के दौरान मिले अनुभवों के आधार पर हम यह कह सकते हैं कि इस स्थिति में निवेश को न सिर्फ बरकारार रखने की जरूरत है, बल्कि यह निवेश जारी रखने के लिए एक अच्छा मौका है।
यह सच है कि इस समय अगर वर्ष 2008 के मार्केट क्रैश को ध्यान में नहीं रखा जाए तो पांच वर्षो में इक्विटी फंड का एसआइपी रिटर्न कमतर रहा है। इसका कारण इस दौरान इक्विटी में सुस्ती है। इसके बावजूद डीप क्रैश जैसे हालात नहीं बने हैंे। हालांकि मार्केट क्रैश होने पर सुस्ती के दौर में मैच्योर हो चुके एसआइपी बड़ा रिटर्न दे सकते हैं। आपको यह मजाक लग सकता है, लेकिन अगर मुङो पांच वर्षो के लिए निवेश करना हो तो मैं ऐसे वक्त में निवेश करूंगा जब मार्केट चार साल तक अपेक्षाकृत निचले स्तर पर रहा हो और पांचवे साल तेजी से मजबूत हुआ हो। इसके विपरीत जब सुस्त मार्केट नीचे आ रहा हो तो अंत में हालात और बुरे हो सकते हैं। इस समय हम कुछ ऐसा ही देख रहे हैं, फिर भी रिटर्न ठीक-ठाक ही मिल रहे हैं। ऐसे में जो निवेशक लंबे समय के लिए निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं उन्हें निवेश जारी रखना चाहिए, क्योंकि भविष्य में बड़े रिटर्न की नींव पड़ चुकी है।
एक बात हमेशा ध्यान रखें, जब इक्विटी में बढ़त का दौर चल रहा हो तब लंबे समय में उतार-चढ़ाव का अंदाजा लगाना मुश्किल होता है। ऐसे में निवेशक को नियमित तौर पर एसआइपी निवेश करते रहना चाहिए। समय के साथ नेट असेट वैल्यू ऊपर-नीचे होती रहती है। असल में इसी अस्थिरता की वजह से जब नेट असेट वैल्यू नीचे होगी, तब आप ज्यादा यूनिट्स हासिल कर लेंगे। अंत में यही आपके रिटर्न में बड़ा इजाफा करेगा। यह इधर-उधर की बातों में भटकने के बजाय एसआइपी में बने रहने का समय है।
आजकल एसआइपी निवेश को लेकर एक दुश्प्रचार चल रहा है। मीडिया में लगातार ऐसे लेख आ रहे हैं, जिनमें एसआइपी में निवेश पर प्रश्नचिह्न लगाया जा रहा है। निवेशकों को चाहिए कि वह ऐसी बातों पर ध्यान नहीं दें। ये भटकाव वाली और व्यर्थ की बातें हैं। यह ऐसा समय है जब इक्विटी वैल्यू में ठहराव है। निवेश करने या नहीं करने का सवाल उस समय उचित होता है, जब मार्केट चढ़ाव पर होने के साथ-साथ और तेजी से ऊपर जा रहा होता है। असल में इसी अस्थिरता की वजह से जब नेट असेट वैल्यू नीचे होती है, तब आप ज्यादा यूनिट्स हासिल कर लेते हैं। अंत में यही आपके रिटर्न में बड़ा इजाफा करता है। इसलिए यह समय निवेश करने का है। जिन लोगों ने पहले निवेश कर रखा है उन्हें थोड़ी धीरज रखने की आवश्कता है। धीरे-धीरे यह खराब समय निकल जाएगा और आपका निवेश अच्छा रिटर्न देगा इसलिए अच्छे समय का इंतजार करें।
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