निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की यह 37वीं बैठक गोवा में होगी। इसमें विभिन्न राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री हिस्सा लेंगे। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब आर्थिक वृद्धि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में छह साल के न्यूनतम स्तर पांच फीसद पर आ गयी है।
आर्थिक मंदी के बीच बिस्कुट, होटल और एफएमसीजी कंपनियां सहित कई उद्योग जीएसटी दरों में कटौती की मांग कर रहे हैं। जीएसटी दर में कटौती के पीछे का तर्क यह है कि इससे खपत और घरेलू मांग को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, कई राज्य इससे सहमत नहीं हैं। उनका मानना है कि इस समय जीएसटी दर में कटौती अक्लमंदी भरा निर्णय नहीं होगा।
सूत्रों के मुताबिक जीएसटी परिषद की समायोजन समिति ने रेवेन्यू की कड़ी स्थिति का हवाला देते हुए बिस्कुट से लेकर कार उद्योग के लिए जीएसटी की दर में कमी की मांग खारिज कर दी है।
समिति में केंद्र एवं राज्यों के रेवेन्यू ऑफिशियल शामिल हैं। सूत्रों ने कहा कि जीएसटी परिषद ईंट भट्टा, बालू खनन गतिविधियां और पत्थर की गिट्टियों (स्टोन क्रशर्स) की आपूर्ति करने वाले करदाताओं के लिये विशेष एकमुश्त योजना ऑफर कर सकती है। इसके अलावा जीएसटी कानून में संशोधन पर भी चर्चा हो सकती है ताकि केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में सृजित जम्मू कश्मीर ओर लद्दाख को इसके दायरे में लाया जाए। साथ ही बैठक में सोना और मूल्यवान पत्थरों की ढुलाई को लेकर केरल के ई-वे बिल प्रणाली के प्रस्ताव पर भी चर्चा की जाएगी। बैठक में समायोजन समिति अपनी रिपोर्ट रखेगी।
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