मार्केट के वर्तमान स्थिति को देखते हुए ज्यादातर फाइनेंशियल एडवाइजर निवेशकों को यह सलाह दे रहे हैं। लंबी अवधि के निवेशकों को घबराकर बाजार से अपना निवेश निकालने की जरूरत नहीं है। इससे उन्हें नुकसान हो सकता है। इन सलाहकारों का यह भी कहना है कि जिन निवेशकों ने पिछले कुछ सालों में एसआईपी के माध्यम से पैसा लगाया है, वे उन लोगों के मुकाबले फायदे में हैं जिन्होंने एकमुश्त निवेश किया है। वित्त विशेषाज्ञों के अनुसार, निवेशकों को घबराकर केवल इसलिए अपने पोर्टफोलियो को भुना नहीं लेना चाहिए कि बाजार अभी तेजी से लुढ़क रहे हैं। ‘अगर आप लंबी अवधि के म्यूचुअल फंड निवेशक हैं तो आपको याद रखना चाहिए कि आपका पैसा एक्सपर्ट के हाथों में है। अपने निवेश को भुनाकर नोशनल यानी धारणात्मक नुकसान को असली नुकसान में न बदले।
फाइनेंशियल प्लानरों का यह भी कहना है कि अपनी जोखिम लेने की क्षमता के बारे में भी जानना अहम है। आपने जो एसेट एलोकेशन प्लान पहले से बना रखा है, उस पर कायम रहें, इसमें केवल इसलिए बदलाव नहीं करें कि बड़ी संख्या में अच्छे शेयर आकर्षक वैल्यूएशन पर उपलब्ध हो गए हैं। निवेशकों का याद रखना चाहिए कि म्यूचुअल फंड में सिप निवेश को लंबे समय में ज्यादा स्थिरता देता है बजाय इसके कि इसमें एकमुश्त निवेश किया जाए।
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