<![CDATA[आयकर विभाग ने राष्ट्रीय स्तर पर कर चोरी पर अंकुश के अभियान के तहत 540 करोड़ रुपये के कालेधन का पता लगाया है. इस बारे में अधिकारियों का कहना है कि नए वित्त वर्ष की शुरुआत यानी एक अप्रैल से एंट्री ऑपरेटरों, मुखौटा कंपनियों, सरकारी अधिकारियों, रीयल एस्टेट खिलाडि़यों और अन्य क्षेत्रों के खिलाफ कई छापेमारी और सर्वे की कार्रवाई की है. विभाग द्वारा 15 अप्रैल तक जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार विभाग ने इस दौरान 250 छापेमारी और सर्वेक्षण की कार्रवाई की. इस दौरान कर अधिकारियों ने कम से कम 300 मुखौटा कंपनियों पर छापेमारी कर 540 करोड़ रुपये से अधिक के काले धन का पता लगाया. गौरतलब है कि देश में अघोषित धन का खुलासा करने की योजना 31 मार्च को खत्म हो चुकी है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट नोटबंदी के बाद से लगातार चेतावनी दे रहा था कि यदि समय रहते लोग प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत अपने कालेधन का खुलासा नहीं करते तो पकड़े जाने पर भारी जुर्माना वसूल किया जाएगा. फाइनेंस बिल 2017 के जरिए किए गए बदलाव से इनकम टैक्सक एक्टक में 1 अप्रैल 2017 से नए नियम लागू होंगे. इसका अर्थ है कि किसी भी टैक्स5 भुगतानकर्ता के 2007 तक के अकाउंट बुक्सि को दोबारा खोला जा सकता है. दरअसल ये बदलाव टैक्स में अनियमितता को जांचने के उद्देश्यद से लाया गया है. आयकर विभाग ने इस योजना के तहत किए गए खुलासे को पूर्ण गोपनीय रखने और संबंधित कानूनों (बेनामी कानून आदि) से रक्षा करना सुनिश्चित किया है. पीएमजीकेवाई के तहत अज्ञात आय का 25 प्रतिशत अनिवार्य रूप से जमा किया जाएगा. जमा राशि ब्याज मुक्त होगी और चार साल की लॉक-इन पीरियड के बाद ही उपयोग की जा सकेगी. नहीं दी सूचना? इनकम टैक्स विभाग का कहना है कि उसके पास आपके सभी डिपॉजिट की पूरी सूचना पहले से उपलब्ध है. कालाधन रखने वालों को उसकी दी गई छूट की अवधि अब से कुछ घंटों में खत्म हो जाएगी. लिहाजा, जिन्होंने इन कुछ घंटों में अपने कालेधन की सूचना नहीं मुहैया कराई है उनके खिलाफ कड़े कदम उठाने की तैयारी कर ली जाएगी.]]>