कोरोना महामारी को देखते हुए बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने स्वास्थ्य व सामान्य बीमा कंपनियों को हस्ताक्षर के स्थान पर ओटीपी के माध्यम से प्रस्तावक फॉर्म पर अपने संभावित पॉलिसी खरीदार की सहमति प्राप्त करने की अनुमति दी है। इसके साथ ही इरडा ने बीमा कंपनियों के लिए पॉलिसी के प्रिंट दस्तावेजों को पॉलिसी धारक को भेजने की अनिवार्यता को भी समाप्त कर दिया है। नियामक के इस कदम से ग्राहकों और बीमा कंपनियों दोनों को ही काफी राहत मिली है।
बीमा कंपनियों का अब पॉलिसी धारकों को प्रिंट दस्तावेज भेजना तो अनिवार्य नहीं रहा है, लेकिन उन्हें पॉलिसी धारक को ईमेल या अन्य माध्यम से पॉलिसी की ई-प्रति भेजनी होगी। साथ ही उन्हें पॉलिसी धारकों को मैसेज कर इसकी जानकारी भी देनी होगी। इरडा ने इस संबंध में बीमा कंपनियों को एक सर्कुलर जारी किया है। सर्कुलर के अनुसार, ये छूटें 31 मार्च 2021 तक जारी रहेंगी। गौरतलब है कि बीमा कंपनियों द्वारा इरडा से ये छूटें देनें का आग्रह किया गया था। इरडा ने कंपनियों के आग्रह को स्वीकार करते हुए अब ये छूटें दे दी हैं। इरडा ने सर्कुलर में कहा, ‘बीमा कंपनियां हस्ताक्षर वाले प्रस्तावक फार्म की हार्ड कापी के स्थान पर रजिस्टर्ड ई-मेल या मोबाइल नंबर पर ओटीपी मंगाकर भी ग्राहक की सहमति प्राप्त कर सकती हैं। हालांकि, बीमा कंपनी को इस तरीके से ली गई सहमति का सत्यापन करने लायक कानूनन वैध सबूत अपने पास सुरक्षित रखना होगा।’ बीमा कंपनियों ने इरडा के इन फैसलों का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे इश्यारेंस कंपनी व ग्राहक दोनों को ही इसका लाभ प्राप्त हो सकेगा।