वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने स्टार्ट-अप इंडिया सीड फंड स्कीम का प्रारंभ किया। इस स्कीम से मुख्य रूप से टियर-2 व टियर-3 के नए उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्राप्त होगी। जिन्हें अब तक आसानी से सहायता नहीं मिल पाई है। स्टार्ट-अप इंडिया सीड फंड में 945 करोड़ रुपये रखे गए हैं। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के अनुसार इस फंड से 3600 नए स्टार्ट-अप और 300 इनक्यूबेटर्स को वित्तीय सहायता मिलने की आशा की जा रही है।
इस अवसर पर गोयल का कहना था कि कई बार वित्तीय सहायता के अभाव में कई अच्छे आइडिया आकार नहीं ले पाते है और उभरते हुए उद्यमियों को आगे आने का अवसर नहीं मिल पाता है। स्टार्ट-अप इंडिया सीड फंड इसी काम में सहायता करेगा। नए उद्यमियों को उनके आइडिया को साबित करने, उससे जुड़े उत्पाद ट्रायल और आरंभिक उत्पादन के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी।
सरकार की तरफ से विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाई गई है जो इनक्यूबेटर्स का चयन करेंगे। वित्तीय सहायता पाने के इच्छुक स्टार्ट-अप को उद्योग विभाग के स्टार्ट-अप इंडिया पोर्टल पर आवेदन करना होगा। दो वर्ष से अधिक पुराने स्टार्ट-अप सीड फंड से वित्तीय सहायता के अधिकारी नहीं होंगे।
स्टार्ट-अप इंडिया सीड फंड की अवधि चार वर्षो की होगी। एक्सपर्ट कमेटी से चयनित इनक्यूबेटर्स को पांच करोड़ रुपए दिए जाएंगे। इनक्यूबेटर्स चयनित स्टार्ट-अप को फंड मुहैया कराएंगे। छोटे शहरों के स्टार्ट-अप को आगे लाने के लिए वर्चुअल तरीके से कई इनक्यूबेटर्स बनाए जाएंगे। ताकि इन शहरों की प्रतिभा को अवसर प्रदान किए जा सकें।