अडानी समूह की लिस्टेड कंपनियों से उसके शेयरधारकों ने बहुत अधिक लाभ कमाया है। शेयर बाजार में लिस्टेड होने से अब तक इस ग्रुप के शेयरों में जिन लोगों ने निवेश किया था, उनका पैसा कई गुना बढ़ गया है। अब अडानी समूह की एक कंपनी में शुरुआती दौर में ही निवेश करने का एक और मौका मिल रहा है। अडानी समूह की एक और कंपनी अपना आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है।
अडानी समूह के फॉर्च्यून ब्रैंड नाम से खाद्य आईपीओ से यह कंपनी 7,000 से 7,500 करोड़ रुपये करीब 1 अरब डॉलर जुटाने की योजना बना रही है तेल और फूड आइटम बनाने वाली कंपनी अडानी विल्मर इस वर्ष के अंत तक आईपीओ ला सकती है। इस । जो उसकी इस कंपनी की ग्रोथ के लिए आवश्यक है।
सबसे बड़ी फूड कंपनी बनना है लक्ष्य
सूत्रों के अनुसार इस आईपीओ के बारे में अडानी समूह में विचार चल रहा है। उल्लेखनीय है कि अडानी विल्मर का 2027 तक देश की सबसे बड़ी फूड कंपनी बनने का लक्ष्य है। कंपनी आईपीओ से पैसा जुटाकर इस लक्ष्य को पूरा करना चाहती है। यदि कंपनी की योजना सफल रहती है तो यह लिस्ट होने वाली अडानी ग्रुप की सातवीं कंपनी होगी। अभी अडानी ग्रुप की लिस्टेड 6 कंपनियों में अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स ऐंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन्स, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी पावर, अडानी टोटल गैस और अडानी ग्रीन एनर्जी शामिल हैं। ग्रुप की इन 6 लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 8 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। इस वर्ष अप्रैल में ही अडानी ग्रुप की 6 लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 100 अरब डॉलर को पार कर गया था।
यह उपलब्धि प्राप्त करने वाली वह देश की तीसरी कंपनी बन गई है। इससे पहले टाटा ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज ने यह स्तर प्राप्त किया था। अडानी समूह की सभी छह कंपनियों ने पिछले एक वर्ष में शेयर बाजार में तुलनात्मक रूप से बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है।