<![CDATA[भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में वित्तमंत्री जयंत मलैया आज बुधवार को बजट पेश करेंगे। यह बजट शिवराज सरकार का अाखिरी बजट होगा, जिसकों लेकर काफी उम्मीदे लगाई जा रही है।बजट के लिए वित्तमंत्री अपने निवास से विधानसभा के लिए निकल चुके है।घर से निकलने से पहले जयंत मलैया की पत्नी सुधा मलैया ने तिलक लगाकर और दही खिलाकर उन्हें रवाना किया।करीब एक घंटे बाद 11 बजे के लगभग प्रदेश का बजट किया जाएगा।वित्त मंत्री जयंत मलैया का ये लगातार पांचवां बजट होगा। बजट भाषण से पहले विधानसभा में मुख्यमंत्री के कक्ष में कैबिनेट होने है, जो की शुरु हो चुकी है। इसमें बजट को औपचारिक मंजूरी दी जाएगी। बजट दो लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का हो सकता है। इसमें गांव, शहर, गरीब, किसान, महिला, युवा और कर्मचारियों पर विशेष फोकस रहेगा। हालांकि बजट के पहले ही वित्तमंत्री साफ कर चुके है कि इस बजट में सभी का ध्यान रखा गया है, किसानों के लिए विशेष ध्यान दिया गया है। स्वास्थ और शिक्षा पर भी फोकस रखा गया है।इसके साथ ही इस बजट में सरकार का रोज़गार पर फोकस रहेगा।चुनावी साल में बजट से जनता को बड़ी राहत की उम्मीद इससे पहले बजट सत्र के दूसरे दिन विधानसभा में प्रदेश का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया। आर्थिक सर्वेक्षण में तमाम कवायदों के बावजूद फसल का रकबा घटा है, जीडीपी में भी कमी आई है।आखिरी बजट के चलते और चुनावी साल को देखते हुए सरकार बजट में हर वर्ग को खुश करने की कोशिश करेगी। वहीं इस बजट में कर्मचारियों को सौगात मिल सकती है। वित्तमंत्री द्वारा सरकार कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु सीमा 60 से बढ़ाकर 62 करने की घोषणा की जा सकती है।इसके साथ ही सरकार पेंशनरों को 7वां वेतनमान देने के साथ कुछ कर्मचारी संवर्ग का मानदेय भी बढ़ाने की घोषणा बजट में कर सकती है। गौरतलब है कि बजट से पहले मंगलवार को विधानसभा में राज्य का आर्थिक सर्वेक्षण आया। प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय में इस साल लगभग 6 हजार 639 रुपए यानी 9.06 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। अग्रिम अनुमानों के हिसाब से राज्य की शुद्ध प्रति व्यक्ति आय 73 हजार 268 रुपए से बढ़कर 79 हजार 907 रुपए हो गई है। 2011-12 के स्थिर भावों से देखें तो यह आय 52 हजार 406 रुपए से बढ़कर 55 हजार 442 रुपए हो गई, जो पिछले साल की तुलना में 5.79 प्रतिशत अधिक है। आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 में बताया गया कि प्रदेश में लगातार राजस्व आधिक्य की स्थिति बनी हुई है। मार्च 2017 की स्थिति में शुद्ध लोक ऋण 92 हजार 320 करोड़ रुपए रहा। ]]>