सरकार देशभर में एंटरप्राइज फसिलिटेशन सेंटर्स खोलने का विचार कर रही है। इन सेंटर्स से सूक्ष्म और लघु उद्यमों तक सूचना पहुंचाने और उनके मुद्दों की पहचान करने में मदद मिलेगी
सरकार देश भर में एंटरप्राइज फसिलिटेशन सेंटर्स खोलने का विचार कर रही है। इन सेंटर्स के माध्यम से सूक्ष्म और लघु उद्यमों तक सूचना पहुंचाने और उनके मुद्दों की पहचान करने में मदद मिलेगी। एमएसएमई मंत्रालय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) में प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने और उन्हें बड़ी कंपनियों के साथ एकीकृत करने के लिए इस दिशा में विचार कर रहा है। मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव राम मोहन मिश्र ने सोमवार को कहा कि इन केंद्रों को ब्लॉक स्तर पर खोलने का विचार है।
मिश्र ने कहा कि मंत्रालय आपूर्ति श्रृंखला के निचले स्तर पर मौजूद उद्यमों की क्षमता सुधारने पर काम कर रहा है, ताकि वे आपूर्ति श्रृंखला से जुड़ सकें और गुणवत्ता सुधारकर और कीमत प्रतिस्पर्धी बनकर अपने उत्पादों की आपूर्ति कर सकें। हम मूल्य श्रृंखला को बेहतर करने के लिए बड़े और छोटे उद्यमों को एकीकृत कर रहे हैं। बाजार में सेवा उपलब्ध है, लेकिन दूसरे पक्ष की इसकी सूचना नहीं है। हम सूचना के प्रसार और मुद्दे की पहचान के लिए ब्लॉक स्तर पर एंटरप्राइज फैसिलिटेशन सेंटर्स का विकास कर रहे हैं। मुख्य ध्यान क्लस्टरिंग पर है।
मिश्र सामाजिक उद्यमिता पर आयोजित एक कार्यशाला को संबोधित करने के लिए यहां पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान सुविधा प्रदान करने पर है, क्योंकि बाजार की अपनी चाल होती है। हम इस तरह से सुविधा उपलब्ध कराएंगे कि कीमत घटेगी और गुणवत्ता सुधरेगी। इससे उत्पादों की बाजार में स्वीकार्यता बढ़ेगी। सरकार की कोशिश है कि पूरे ईकोसिस्टम में समरूपता बढ़े, ताकि लागत घटे और गुणवत्ता सुधरे और एमएसएमई को आपूर्ति श्रृंखला से जुड़ने में मदद मिले।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय लघु उद्यमों को सात मामलों में चुस्त बनने में मदद कर रहा है। ये हैं- मानव क्षमता विकास, ज्ञान सेवाएं, वित्त की पहुंच, टेक्नोलॉजी, इन्फ्रास्ट्रक्चर, बाजार की पहुंच और कारोबारी सहूलियत।
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