पुराने समय से ही लोग गोल्ड को न केवल जूलरी के तौर पर उपयोग किया जाता है बल्कि यह फाइनैंशल इमर्जेंसी में भी काम आता है। जूलरी के अलावा सोने को खरीदने के और भी तरीके मर्केट में उपलब्ध हैं। इनमें गोल्ड कॉइन स्कीम, गोल्ड सेविंग्स स्कीम, गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETFs), सोव्रिन गोल्ड बॉन्ड्स और गोल्ड एक्युमुलेशन प्लान हैं जिनमेंं निवेश किया जा सकता है।
कई गोल्ड स्कीम इस प्रकार हैं-
- गोल्ड कॉइन स्कीम
गोल्ड कॉइन को जूलर्स, बैंक और नॉन-बैंकिंग फाइनैंस कंपनियों (NBFC) से खरीदा जा सकता है। गौर करने वाली बात है कि सरकार ने मोहर वाले सिक्के लॉन्च किए हैं जिन पर अशोक चक्र का राष्ट्रीय चिन्ह की खुदाई की गई है दूसरी तरफ महात्मा गांधी बने हुए हैं। ये सिक्के 5 ग्राम और 10 ग्राम के वजन में उपलब्ध हैं। - गोल्ड सेविंग स्कीम
इस स्कीम के जरिए ग्राहकों को एक निश्चित अवधि के लिए हर महीने फिक्स्ड अमाउंट डिपॉजिट करना होता है। एक बार अवधि खत्म होने के बाद आप जमा की गई राशि के बराबर गोल्ड खरीद सकते हैं। मैच्योरिटी पर जितना पैसा इकट्ठा होता है, उतना सोना खरीदा जा सकता है। जूलर ग्राहकों को लुभाने के लिए आखिरी महीने की किस्त खुद से ऑफर करते हैं। मतलब है कि अगर एक साल की अवधि की स्कीम है तो ग्राहकों को 11 किस्त जमा करनी होंगी। वहीं 12वीं किस्त का भुगतान खुद रिटेलर द्वारा किया जाता है। तनिश्क, पीसी जूलर्स जैसे जूलर्स इस तरह की स्कीम ऑफर करते हैं। - गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स
यह ट्रेडिंग के लिए आसान और ओपन-ऐंडेड म्यूचुअल फंड स्कीम है। निवेशक के पैसे को 99.5 प्रतिशत शुद्धता की स्टैंडर्ड गोल्ड बुलियन में निवेश किया जाता है। लिवाली और खरीदारी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज व नैशनल स्टॉक एक्सचेंज में होती है। ध्यान देने वाली बात है कि इस तरह के निवेश में निवेशक को फिजिकल गोल्ड नहीं मिलता है और गोल्ड ETF की कीमत मार्केट-लिंक्ड होती है। यह एक अच्छी स्कीम है। - सोव्रिन गोल्ड बॉन्ड्स
यह गोल्ड बॉन्ड सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं और सेकंडरी मार्केट में लिस्टेड हैं। RBI ने 30 मई, 2019 को नोटिफिकेशन में भारत सरकार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के साथ मिलकर यह फैसला किया है कि सोव्रिन गोल्ड बॉन्ड्स जून 2019 से सितंबर 2019 के बीच हर महीने जारी किए जाएंगे। कोई व्यक्ति, ट्रस्ट, अविभाजित हिंदू परिवार, चैरिटेबल संस्थान और यूनिवर्सिटी इन बॉन्ड्स को सब्सक्राइब कर सकते हैं। इन बॉन्ड्स की एक और खास बात है कि इन्हें बैंकों, फाइनैंशल इंस्टीट्यूट और नॉन बैंकिगं फाइनैंस कंपनियों से लोन के लिए कॉलेट्रल के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। - गोल्ड एक्युमुलेशन
इस स्कीम को MMTC-PAMP द्वारा उन ग्राहकों के लिए डिवेलप किया गया है जो सोने को खरीदना और एक्युमुलेट करना चाहते हैं। MMTC-PAMP की वेबसाइट के मुताबिक, ग्राहक न्यूनतम 1,000 रुपये की वैल्यू का सोना भी खरीद सकते हैं। स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ‘गोल्डरश’ नाम से GAP ऑपरेट करती है और MMTC-PAMP संपूर्ण मेटल की उपलब्धता और बैक ऑफिस सपॉर्ट उपलब्ध कराती है। इनमें गोल्ड प्राइस पोस्ट करना, फिजिकल स्टोरेज और डिलीवरी शामिल है। यह सभी
योजनाएं निवेश के नजरियेे से बहुत अच्छी हैं, किसी भी योजना में निवेश करने से पहले अपने निवेश सलाहकार की मदद अवश्य लें।
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