ऑनलाइन मार्केट प्लेस GeM के जरिए 40,000 करोड़ रुपये मूल्य की सार्वजनिक खरीद हुई है। उल्लेखनीय है कि सरकार सरकारी खरीद में भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इस बारे में एक्स्पेन्डिचर सेक्रेटरी टी वी सोमनाथन ने सोमवार को इस बात की जानकारी दी की उन्होंने इस बात पर बल दिया कि पब्लिक प्रोक्योरमेंट सिस्टम में इकोनॉमी, सतर्कता, निष्पक्षता और पारदर्शिता है। उन्होंने कहा कि बेहतर खरीद से सरकार की राजकोषीय स्थिति पर काफी फर्क पड़ता है। इस दिशा में सरकार ने हाल में सामान्य वित्तीय नियमों (GFR) और प्रोक्यूरमेंट मैन्युअल्स में संशोधन किया है। इसके साथ ही सरकारी खरीद में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को लेकर भी प्रगति हुई है।
GeM की शुरुआत 2016 में
सरकार के विभिन्न विभागों के लिए सामग्रियों की खरीद को खुला और पारदर्शी बनाने के लिए कॉमर्स मिनिस्ट्री ने अगस्त, 2016 में ऑनलाइन फ्लेटफॉर्म Government e-Marketplace (GeM) की शुरुआत की थी। फिलहाल इस प्लेटफॉर्म पर 3.24 लाख वेंडर रजिस्टर्ड हैं। इसमें और अधिक बढ़ौतरी होने की संभावना है।
लेनदेन 40 हजार करोड़
सोमनाथन ने वैश्विक खरीद सम्मेलन 2020 को संबोधित करते हुए कहा, कि ”हमारे पास सेंट्रल प्रोक्यूरमेंट पोर्टल GeM है। इस पर फिलहाल राज्य सरकार की निविदाओं के साथ 1,00,000 इलेक्ट्रॉनिक निविदाएं हैं। सरकार द्वारा आम इस्तेमाल की सामग्रियों एवं सेवाओं के लिए 2016 में स्थापित इलेक्ट्रॉनिक मार्केटप्लेस से 40 हजार करोड़ रुपये की खरीद हुई है।” इसे और अधिक बढ़ाने का लक्ष्य है जो कि अगले वर्षों में प्राप्त कर लिया जाएगा।
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