पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने बुधवार को कहा कि यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) की सभी शाखाओं ने उसकी शाखाओं के रूप में काम करना शुरू कर दिया है। यूबीआई और ओबीसी का पीएनबी में विलय एक अप्रैल से प्रभावी हो गया है। विलय के बाद जो बैंक सामने आया है, यह शाखाओं तथा कारोबार दोनों लिहाज से भारतीय स्टेट बैंक के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक है। आज सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों के विलय के बाद अब केवल 4 बैंक रह गए हैं।
पीएनबी ने एक बयान में कहा कि इस विलय से वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी तथा अगली पीढ़ी के बैंक का रास्ता प्रशस्त हुआ है। अब जमाकर्ताओं समेत सभी ग्राहकों को पीएनबी का ग्राहक माना जाएगा। बयान में बताया गया कि अब पीएनबी की देश भर में 11 हजार से अधिक शाखाएं, 13 हजार से अधिक एटीएम, एक लाख कर्मचारी और 18 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार होगा।
पीएनबी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी एसएस मल्लकार्जुन राव ने कहा, ”भौगोलिक रूप से उपस्थिति में विस्तार से हमें अधिक दक्ष और प्रभावी तरीके से ग्राहकों की सेवा करने में मदद मिलेगी। बैंक ने विलय के बाद ग्राहकों की मदद के लिये सभी शाखाओं तथा कार्यालयों में बैंक साथी की नियुक्ति की है। बैंक ने अपना नया लोगो भी पेश किया है। मर्जर को लेकर बैंक के कर्जधारकों के दिमाग में कई सवाल हैं जैसे उनके लोन का क्या होगा? क्या लोन पर ब्याज दरें समान रहेंगी ? ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब PNB ने दिए हैं।
विलय के बाद कर्जधारक को लोन के दस्तावेजों को दोबारा जमा कराना होगा या नहीं सवाल के जवाब में पीएनबी ने कहा है कि विलय के बाद लोन दस्तावेजों को दोबारा जमा कराने की कोई जरूरत नहीं होगी। वहीं विलय के बाद व्यक्ति द्वारा लिए गए लोन या लाइंस ऑफ क्रेडिट के बारे में बैंक ने कहा है कि मौजूदा बैंक के साथ समझौते के मुताबिक नियम और शर्तें एकीकरण की तारीख तक जारी रहेंगी, उसके बाद नियम और शर्तों के साथ दरें भी विलय वाले बैंक के नियम और शर्तों के साथ जुड़ जाएंगी। उसके मुताबिक जानकारी व्यक्ति तक पहुंचा दी जाएगी।
व्यक्ति PNB/OBC/UBI के पास जमा अपने कोलेटरल डॉक्यूमेंट्स को दोबारा लेने के बारे में बैंक कहता है कि इन तीन बैंकों के नाम से किसी भी बैंक के पास रखे टाइटल डीड या दूसरे दस्तावेज बिल्कुल सुरक्षित रहेंगे। विलय के बाद PNB इनका संरक्षक होगा और आप इन्हें लोन के खत्म होने के बाद बिका किसी परेशानी के प्राप्त कर सकेंगे।
विलय के बाद व्यक्ति के ओवरड्राफ्ट (OD)/ कैश क्रेडिट (CC) का रिन्यूअल या वृद्धि अपनी सामान्य प्रक्रिया के मुताबिक ही होगा। प्रक्रिया में किसी भी बदलाव को पहले बता दिया जाएगा वहीं मौजूदा ग्राहकों के लिए ब्याज की दर कानूनी कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक रिसेट पीरियड तक समान बनी रहेगी, हालांकि नए ग्राहकों के लिए ब्याज की दर को बैंक की वेबसाइट पर डाल दिया जाएगा। लोन से संबंधित सभी सेवाएं जैसे अमाउंट ट्रांसफर, प्री-क्लोजर, प्री-पेमेंट जैसी सेवाओं को PNB, OBC और UBI की संबंधित बैंक शाखा से लिया जा सकता है।
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