पीएम नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के रीवा में 750 मेगावाट की सौर परियोजना राष्ट्र को समर्पित किया । प्रधानमंत्री मोदी ने इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया। इस अवसर पर मोदी का कहना था कि इस प्लांट से हम दुनिया के टॉप-5 देशों में पहुंच गए हैं। ये 21वीं सदी का सबसे अहम कदम है। यहां बनने वाली बिजली में से 24 प्रतिशत दिल्ली मेट्रो को जबकि शेष 76 प्रतिशत बिजली मध्य प्रदेश के राज्य बिजली वितरण कंपनियों को जाएगी।
आपको बता दें कि इसी साल जनवरी में 750 मेगावाट की क्षमता के साथ यहां बिजली उत्पादन शुरू हो गया था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी से समय नहीं मिलने की वजह से इसका लोकार्पण नहीं हो पाया था। यह परियोजना रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड, एमपी ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड और भारत के सौर ऊर्जा निगम का एक संयुक्त उद्यम है।
पावर प्लानंट की विशेषताएं
मध्यप्रदेश के रीवा में बनकर तैयार हुआ है और एशिया के सबसे बड़ा सौर संयंत्र है. प्लांट्र की क्षमता 750 मेगावट बिजली उत्पादन की है ।
यह प्लांट रीवा से 25 किलोमीटर दूर गुढ़ में 1590 एकड़ में फैला हुआ है।
इनोवेशन और उत्कृष्टता के लिए इसे वर्ल्ड बैंक ग्रुप प्रेसिडेंट अवॉर्ड भी मिला है।
इसे प्रधानमंत्री की ‘अ बुक ऑफ इनोवेशन: न्यू बिगनिंग्स’ किताब में भी शामिल किया गया है।
यह परियोजना रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड, एमपी ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड और भारत के सौर ऊर्जा निगम का एक संयुक्त उद्यम है।
दिल्ली मेट्रो इस प्रोजेक्ट के ग्राहकों में से एक होगा. यह दिल्ली मेट्रो को अपनी कुल उत्पादन का 24 प्रतिशत बिजली देगी जबकि शेष 76 प्रतिशत बिजली मध्य प्रदेश के राज्य बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को आपूर्ति की जाएगी।
इस परियोजना में एक सौर पार्क के अंदर स्थित 500 हेक्टेयर भूमि पर 250-250 मेगावाट की तीन सोलर एनर्जी यूनिट्स शामिल हैं।
इस प्रोजेक्ट से बनने वाली बिजली की दर 15 साल तक 0.05 रुपये प्रति यूनिट की बढ़ोतरी के साथ पहले साल 2.97 रुपये प्रति यूनिट होगी. इस हिसाब से 25 साल के लिए 3.30 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलेगी।