गुजरात कैडर में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी रहे गिरीश चंद्र मुर्मू भारत के नए नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) बनाये गए हैं। मुर्मू मौजूदा सीएजी राजीव महर्षि का स्थान लेंगे जो कि आगामी 8 अगस्त को रिटायर हो रहे हैं। सीएजी एक संवैधानिक पद है, इसीलिए उसे खाली नहीं छोड़ा जा सकता। शायद यही वजह है कि मुर्मू से इस्तीफा दिलवा कर इस पद पर नियुक्ति की गई। मुर्मू इससे पहले जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल (LG) के पद पर तैनात थे।
नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक यानी CAG एक संवैधानिक पद है
CAG का काम सरकारी खातों और खर्च किये जा रहे धन की जांच करना है सरकार जो भी धन खर्च करती है, CAG उस खर्च की गहराई से जांच पड़ताल करता है और पता लगाता है कि धन सही तरीके से खर्च हुआ है या नहीं यह केंद्र और राज्य सरकार दोनों के सार्वजनिक खातों और आकस्मिक निधि का भी परीक्षण करता है।
कौन हैं सीएजी
लोकतंत्र में जिनके पास शक्तियां और जिम्मेदारियां होती है, उन्हें अपने कार्यों के प्रति जवाहदेह होने चाहिए। इस उद्देश्य हेतु संविधान ने कई संस्थागत तंत्र जैसे न्यायापालिका, सर्तकता निकाय और एक स्वतंत्र सर्वोच्च लेखा परीक्षा संस्था का प्रावधान किया गया है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक और भारतीय लेखा तथा लेखा परीक्षा विभाग (IA&AD) इसके अंतर्गत कार्य करते हुए भारतीय सर्वोच्च लेखापरीक्षा संस्था को गठित करते हैं। भारत के संविधान (Constitution of India) ने सीएजी को राष्ट्र का लेखा परीक्षक (Auditor of Nation) बनाया है।
कर्तव्य
जैसा संविधान के अनुच्छेद 149 में उल्लेखित है, संसद ने 1971 में सीएजी के कर्तव्य, शक्तियां और सेवा की शर्तें अधिनियम नामक एक विस्तृत विधान को अधिनियमित किया जो उनके अधिदेश का वर्णन करता है और सरकार (केंद्र और राज्य) के लगभग प्रत्येक व्यय राजस्व संग्रहण या सहायता/अनुदान प्राप्त करने वाली इकाई उनकी लेखापरीक्षा के अंतर्गत आती हैं। उनका कर्तव्य सरकारी विभागों, सरकार के निकायों, स्वायत्त संगठनों आदि की लेखापरीक्षा करना और उस पर रिपोर्ट तैयार करना है।
सीएजी की शक्ति
सीएजी का काम असानी से हो सके, इसके लिए उसे ढेरों शक्ति प्रदान की गई है। इनमें उनके लेखापरीक्षा के अधीन किसी कार्यालय या संगठन के निरीक्षण करने की शक्ति, सभी लेन-देनों की जांच और कार्यकारी से प्रश्नष करने की शक्ति, किसी भी लेखापरीक्षित सत्त्व से कोई भी रिकार्ड, पेपर, दस्तावेज मांगने की शक्ति, लेखापरीक्षा की सीमा और स्व रूप पर निर्णय लेने की शक्ति, आदि शामिल हैं।
सीएजी किनकी आडिट करता है
सीएजी की लेखापरीक्षा के अंतर्गत आने वाले संगठनों में भारतीय रेल, रक्षा और डाक और दूरसंचार सहित सभी संघ और राज्य सरकारों के विभाग तो शामिल हैं ही, इनके अलावा संघ और राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित लगभग 1,500 सार्वजनिक वाणिज्यक उद्यम जैसे सरकारी कंपनियां और निगम भी शामिल हैं। साथ ही संघ और राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित और स्वामित्व वाले लगभग 400 गैर वाणिज्यिक स्वायत्त निकाय और प्राधिकरणों की लेखा परीक्षा का दायित्व भी इसी का है।