मुकेश अंबानी ने कोरोना संकट के बीच अपनी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के जियो प्लेटफार्म में लगातार कई बड़े निवेश प्राप्त किए हैं। जिस के कारण रिलायंस इंडस्ट्रीज तय समय से पहले कर्जमुक्त हो गई। सूत्रों का कहना है कि अब मुकेश अंबानी रिटेल कारोबार को मजबूत बनाने के लिए कई कंपनियों में निवेश कर सकते हैं। जिसको लेकर अभी बातचीत चल रही है। आईये जानेते हैं किनकिन कंपनियों से बातचीत चल रही हैं।
टिकटॉक
भारत में युवाओं के पसंदीदा चाइनीज ऐप टिकटॉक की एक बार फिर एंट्री हो सकती है। रॉयटर्स ऐंजेसी की एक रिपोर्ट के अनुसार रिलायंस इंडस्ट्रीज टिकटॉक के भारतीय कारोबार को खरीद सकती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि टिकटॉक की पैरेंट कंपनी बाइटडांस और मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के बीच बातचीत चल रही है। हालांकि, दोनों कंपनियां अभी किसी भी सौदे पर नहीं पहुंची हैं । रिलायंस और टिकटॉक की ओर से अब तक इस बारे कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
फ्यूचर ग्रुप
पिछले कुछ महीनों से लगातार सूचनाएं आ रही है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज फ्यूचर ग्रुप में बड़ी हिस्सेदारी खरीदने वाली है। दोनों कंपनियों के बीच इसको लेकर बातचीत जारी है, जो आखिरी चरण में है। मिली सूचना के अनुसार, रिलायंस इंडस्ट्रीज फ्यूचर ग्रुप के रिटेल बिजनेस को खरीदने जा रही है, उसकी एंटरप्राइज वैल्यू करीब 3 अरब डॉलर (22700 करोड़ रुपये) है । इसमें कंपनी के ऊपर कर्ज भी शामिल है। जानकारी यह भी है कि मुकेश अंबानी फ्यूचर ग्रुप के FMCG बिजनेस Future Consumer में भी 10-15 फीसदी हिस्सेदारी खरीदना चाहते हैं। इससे मुकेश अंबानी की कंपनी को रिटेल बिजनेस में अपना स्थान बनाना आसान हो जाएगा।
अरबन लैडर कंपनी
अरबन लैडर ऑनलाइन फर्नीचर कारोबार की प्रमुख कंपनी में से एक है। खबर है कि अरबन लैडर के साथ रिलायंस की बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है । बातचीत कारगर हुई तो यह सौदा करीब 3 करोड़ डॉलर में हो सकता है। रिलायंस इस कारोबार में बाद में और निवेश कर इस सेगमेंट में अपनी पहुंच बढ़ा सकती है।
मिल्क बास्केट ऑन लाइन कंपनी
मिल्क बॉस्केट ऑनलाइन दूध, फल-सब्जियों आदि की आपूर्ति के कारोबार में है। मिल्क बास्केट इससे पहले एमेजॉन से भी बातचीत में लगी थी, लेकिन अब वह अच्छे वैल्यूएशन की उम्मीद में रिलायंस से बातचीत कर रही है। दोनों के बीच बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है। मिल्क बास्केट गुरुग्राम, नोएडा, दिल्ली, गाजियाबाद, हैदराबाद और बेंगलुरु जैसे शहरों में करीब 1.30 लाख घरों दूध के अलावा, अन्य डेरी आइटम, फल, सब्जियों, एफएमसीजी उत्पादों की भी आपूर्ति करती है। सूत्रों का कहना है कि रिलायंस इस प्रकार अपनी पहुच हर जगह करने जा रही है।
Netmeds
रिलायंस की नजर अब फार्मा और टेली-मेडिसिन स्पेस पर भी है। इसको लेकर दवा की आपूर्ति करने वाले चेन्नई बेस स्टार्टअप नेटमेड्स से आरआईएल की बातचीत चल रही है। ये डील करीब 120 मिलियन डॉलर की है, और अधिग्रहण को लेकर बातचीत जारी है। Netmeds से इस डील के बाद ऑनलाइन मेडिसिन मार्केट में रिलायंस की मजबूत पकड़ हो जाएगी।
Zivame
इसके अलावा RIL की सहायक कंपनी रिलायंस ब्रांड्स ने हाल ही में Zivame में रोनी स्क्रूवाला के स्वामित्व वाले Unilazer Ventures की पूरी 15 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद ली है, जो भारत में जिमी चू, टिफनी और मदरकेयर जैसे कई लग्जरी ब्रांड बेचती है. फिलहाल Zivame में Zodius करीब 60 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ा शेयरधारक है। जिवमे के 30 से अधिक रिटेल स्टोर हैं और देश भर में 800 से अधिक साझेदार स्टोर हैं।
उल्लेखनीय है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने हाल ही में जियो मार्ट को लॉन्च किया है । रिटेल कारोबार को और अधिक मजबूत बनाने के लिए कई कंपनियों के साथ साझेदारी का प्रयास किया जा रहा है। पिछले माह AGM में मुकेश अंबानी का कहना था कि जियो मार्ट की शुरुआत बहुत सफल रही है और इसके आगे भी सफल होने की उम्मीद की जा रही है ।