अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर थोड़ी राहत के समाचार मिले हैं। कोरोना संकट की वजह से सर्विस सेक्टर के बिजनेस में भी भारी गिरावट देखी जा रही थी, लेकिन अगस्त महीने में यह गिरावट थोड़ी थमी है। परन्तु इस सेक्टर में अभी चुनौतियां बनी हुई हैं। असल में अगस्त में भी इसमें गिरावट आई है, लेकिन यह गिरावट कम हुई है। आईएचएस मार्किट इंडिया के सर्विस पर्चेसिंग मैनेजर्स सूचकांक (पीएमआई) के अनुसार, ‘भारत का सेवा कारोबार गतिविधि सूचकांक’ अगस्त में बढ़कर 41.8 पर पहुंच गया। यह सूचकांक जुलाई में 34.2 था। यह सूचकांक जब 50 से कम होता है, तो गिरावट मानी जाती है और 50 से ऊपर बढ़त मानी जाती है।
अप्रैल माह में ऐतिहासिक गिरावट
गौरतलब है कि अप्रैल के दौरान यह सूचकांक ऐतिहासिक निचले स्तर 5.4 फीसदी तक पहुंच गया था। मई में सेवा (सर्विस) कारोबार गतिविधि सूचकांक 12.6 दर्ज किया गया। सर्वे के अनुसार, महामारी के चलते प्रतिबंधों ने ग्राहकों की मांग और कारोबार के संचालन पर प्रतिकूल असर डाला है।
बनी हुई हैं चुनौतियां
विशेषज्ञों का कहना है कि अगस्त के आंकड़े भारतीय सेवा क्षेत्र में चुनौतीपूर्ण स्थितियों को दर्शाते हैं। प्रतिबंधों की वजह से कंपनियां अपने प्रोजेक्ट नहीं पूरे कर पाईं। करीब 15 साल में अब तक काम का बैकलॉग सबसे ज्यादा है।