आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर आर गांधी का कहना है कि ॠण की पेशकश करने वाले एप से सावधान रहे। गांधी का कहना था कि कर्ज या ॠण की पेशकश करने वाले कुछ ऐप वसूली को लेकर गलत तौर-तरीके अपना रहे हैं। वे उसी प्रकार से वसूली के लिए कार्य कर रहे हैं , जैसा कि 2007 में आंध्र प्रदेश में छोटे कर्ज देने वाले संस्थानों ने किया था और इससे पूरा उद्योग संकट में घिर गया था। उनका कहना था कि वसूली करने वाले एजेंटों को बुनियादी मानवीय और मान-सम्मान का रुख अपनाना चाहिए और ऐसा नहीं करने से वित्तीय संस्थानों के लिये चुनौतियां बढ़ेंगी और इनके प्रति लोगों का विश्वास कम होगा। उल्लेखनीय है कि आरबीआई के इस संदर्भ में आये बयान के कुछ ही घंटे बाद उन्होंने यह बात कही। गौरतलब है कि केंद्रीय बैंक आरबीआई ने लोगों को अनाधिकृत तरीके से डिजिटल मंचों और मोबाइल ऐप के माध्यम से कर्ज की पेशकश करने वालों को लेकर सतर्क रहने को कहा है। बयान के अनुसार वे वसूली के ऐसे कड़े तौर-तरीके अपना रहे हैं, जो मानवीय आधार पर स्वीकार्य नहीं किया जा सकते। कर्ज की पेशकश करने वाले कुछ ऐप वसूली के लिये निर्धारित मानदंड का पालन नहीं कर रहे। वे ग्राहकों के मान-सम्मान और मूल सिद्धांतों का उल्लंघन कर रहे हैं। निश्चित रूप से यह सही नहीं है…।’’