कोरोना महामारी के कारण आर्थिक खतरे को देखते हुए सरकार ने लॉकडाउन में ढिलाई के बाद प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा कर सकती है। इस बारे में ब्रोकरेज कंपनी बर्नस्टीन ने एक बयान में कहा कि उसका मैक्रो इकोनॉमिक इंडेक्स अप्रैल और मई के दौरान आर्थिक गतिविधियों में गिरावट का संकेत दिखा रहा है। इसलिए सरकार लॉकडाउन से सबसे अधिक प्रभावित छोटे कारोबार और स्वरोजगारों के लिए यह पैकेज ला सकती है। ब्रोकरेज कंपनी का कहना है कि मई में पावर कंजम्प्शन में 4 फीसदी और ईंधन खपत में 16 फीसदी की कमी दर्ज की गई हैं। ई-वे बिल में 16 फीसदी की कमी आयी है। खुदरा दुकानों के बंद रहने के कारण कारखानों में कुछ श्रेणियों के उत्पादन में कमी आई है।
लॉकडाउन के बाद
बर्नस्टीन ने कहा, खुदरा दुकानों का बंद रहना उत्पादन को बढ़ाने की क्षमता को सीमित कर रहा है. आपूर्ति प्रबंध पर हालांकि उतना गहरा प्रभाव नहीं पड़े, क्योंकि अधिकतर राज्यों में कारखाने के संचालन पर प्रतिबंध कम हैं.
बर्नस्टीन कंपनी का मनना है कि लॉकडाउन हटने पर सरकार एक और प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा कर सकती है। कोरोना के कारण एसएमई (MSME) क्षेत्र और स्व नियोजित रोजगार वाले सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। निम्न मध्यम वर्ग पर तो प्रभाव पड़ा ही है लेकिन इस बार उच्च-मध्यम वर्ग में उपभोक्ता भावना कमजोर हो सकती है और इस पहलू पर ध्यान देने की जरूरत है।