अगर आप लंबी अवधि के निवेशक हैं और निवेश को लेकर गोल्ड और इक्विटी में कंफ्यूज हो रहे हैं तो परेशान होने की कोई आवश्यकता नहीं है। इस आर्टिकल में आपको बताएंगे कि गोल्ड और स्टॉक ने किस तरह का प्रदर्शन किया है। कहां निवेश करने पर आपको अधिक रिटर्न मिलेगा। शेयर बाजार की बात करें तो वर्ष 1979 में सेंसेक्स 100 अंक के बेस के साथ शुरू हुआ था। उस समय से अब तक 43 वर्ष हो गए हैं। इस दौरान इक्विटी और गोल्ड ने किस तरह प्रदर्शन किया इसे सिलसिलेवार तरीके से समझते हैं।
43 वर्षों में गोल्ड के अनुपात में इक्विटी का प्रदर्शन 10 गुना बेहतर
1979 में सेंसेक्स 100 अंकों पर था, जबकि सोने का भाव करीब 1000 रुपए प्रति दस ग्राम था। इन 43 सालों में सेंसेक्स ने 10 बार निगेटिव रिटर्न दिया है, जबकि गोल्ड ने 8 बार निगेटिव रिटर्न दिया है। 26 दफा सेंसेक्स ने गोल्ड के अनुपात बेहतर रिटर्न दिया और 16 बार गोल्ड ने सेंसेक्स के अनुपात बेहतर रिटर्न दिया है। उस स्तर के अनुपात सेंसेक्स 600 गुना से अधिक बढ़ गया है, जबकि सोना करीब 60 गुना बढ़ा है।
2003 से सोना और इक्विटी का समान प्रदर्शन
21वीं सदी की बात करें तो वर्ष 2003 में सेंसेक्स 5800 के स्तर पर था, जबकि सोना 5600 रुपए प्रति दस ग्राम के स्तर पर था। यह एक तरीके से एक स्तर पर है। बीते 20 सालों में सोना और सेसेंक्स में बराबरी का मामला रहा है। 1979 से 2022 तक तक सोने का औसत रिटर्न 11 प्रतिशत सालाना रहा है। वहीं, सेंसेक्स का औसत रिटर्न सालाना आधार पर 20 प्रतिशत है।
क्या करना चाहिए निवेशकों को?
अब निवेशकों को क्या करना चाहिए यह बड़ा सवाल है। इस बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि हर वर्ष रुपए के अनुपात डॉलर 3.5-4 प्रतिशत मजबूत होता है। महंगाई दर 5-6 प्रतिशत के बीच मान लेते हैं। ऐसे में अगर आपको सालाना आधार पर 8-9 प्रतिशत का रिटर्न कम से कम चाहिए ही। गोल्ड इतना रिटर्न आराम से दे सकता है। इक्विटी का रिटर्न इससे कहीं अधिक होगा। ऐसे में पोर्टफोलियो का कुछ हिस्सा गोल्ड में रख सकते हैं। इससे सुरक्षा बढ़ेगी। क्योकि गोल्ड पुराने समय से ही निवेश का एक विशेष साधन रहा है।