भोपाल। भारतीय शेयर बाज़ारों में इन दिनों बहार है। डॉमेस्टिक फैक्टरों के बीच फेड मीटिंग के सकारात्मक नतीजे भारतीय शेयर बाज़ारों को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं। इस तेज़ी में अब एफएफआई भी हिस्सा ले रहे हैं। निफ्टी बुल्स के लिए यह दिसंबर माह यादगार बनता जा रहा है।
सेंसेक्स को 71,000 अंक के पार पहुंचाने और निफ्टी के लिए 21,000 को नया का शिखर बनाने में FII (विदेशी संस्थागत निवेशक) दिसंबर में औसतन प्रतिदिन 3,900 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश कर रहे हैं। इस भारी निवेश सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही झूम रहे हैं।
दिसंबर महीने में अब तक सेंसेक्स 4,000 अंक मजबूत हुआ है। एनएसडीएल डेटा से पता चलता है कि महीने के पहले 10 दिनों में एफआईआई ने दलाल स्ट्रीट पर 39,260 करोड़ रुपये का निवेश किया, जो एक दिन का औसतन 3926 करोड़ रुपए होता है। और अब यूएस फेड द्वारा 2024 में 3 दरों में कटौती के संकेत के साथ बाजार में एक बार फिर नए साल में भारतीय बाज़ारों में विदेशी धन की बाढ़ देखी जा सकती है। FII फ्लो में तेज वृद्धि नवंबर के 9,000 करोड़ रुपये के फ्लो और सितंबर और अक्टूबर महीनों में लगातार बिक्री के बाद आई है। “इस बाजार ने ऊंचाई बना ली है हालांकि हमें अभी तक महत्वपूर्ण FII फ्लो देखने को नहीं मिला है। फेड द्वारा अपना दृष्टिकोण बदलने के साथ हमारी समझ यह है कि बहुत अधिक विदेशी पैसा कुछ अच्छे शेयरों में आएगा। यही कारण है कि हमें बाजार में निवेश बनाए रखना चाहिए। शायद, अभी और भी अच्छे दिन आने वाले हैं।”
एचएसबीसी सिक्योरिटीज के अमित सचदेवा ने कहा कि एफआईआई को साइज़ और लिक्विडिटी पसंद है और जैसे ही नया साल शुरू होगा, एफआईआई फ्लो में मजबूत उछाल आ सकता है।
सचदेवा ने कहा “हम बाज़ार में बहुत आशावादी बने हुए हैं। एचएसबीसी के लिए भारत एक ओवरवेट बाजार है और हम भारत को काफी पसंद करते हैं।”
फेड फैक्टर के अलावा, अमेरिकी 10-वर्षीय बॉन्ड यील्ड में 3।95% की तेज गिरावट भी भारत जैसे उभरते बाजारों में बड़े कैपिटल फ्लो के लिए एक ट्रिगर है। चूंकि चीन रिटर्न के साथ-साथ नीतियों की अप्रत्याशितता दोनों के मामले में निराशाजनक साबित हो रहा है, इसलिए चीन की तुलना में भारत की ओर एफआईआई फंड का एलोकेशन करने की उम्मीद है।