अपोलो टायर्स लिमिटेड भारत में प्रमुख टायर उत्पादक ब्रांड है। अपोलो टायर कंपनी फार्म श्रेणी के लिए रीडायल टायर पेश करने वाली पहली भारतीय टायर कंपनी है। अपोलो टायर्स लिमिटेड की स्थापना 1972 में हुई थी और इसका मुख्यालय गुरुग्राम में था। इसके अलावा, इस कंपनी की पहली विनिर्माण यूनिट 1977 में केरल के पेराम्ब्रा में स्थापित की गई थी। वर्तमान में अपोलो टायर, टायर निर्माताओं की दुनिया में एक भरोसेमंद नाम बन गया है।
वर्तमान में एपीएल अपोलो ट्यूब्स का शेयर आज करीब 1 प्रतिशत के नुकसान के साथ 1,585 रुपये पर ट्रेड कर रहा है। यह शेयर के 52 सप्ताह के उच्च स्तर 1800 रुपये की तुलना में काफी नीचे है।
इस शेयर का भाव बीते 5 दिनों में 8 प्रतिशत चढ़ा है, जबकि पिछले एक महीने के हिसाब स करीब 3 प्रतिशत के लाभ में है। 6 महीने में भाव 1 प्रतिशत से अधिक के नुकसान में है तो एक साल में 33 प्रतिशत से ज्यादा के लाभ में है।
इस शेयर का भाव बीते 5 दिनों में 8 प्रतिशत चढ़ा है, जबकि पिछले एक महीने के हिसाब स करीब 3 प्रतिशत के फायदे में है। 6 महीने में भाव 1 प्रतिशत से ज्यादा के नुकसान में है तो एक वर्ष में 33 प्रतिशत से ज्यादा के लाभ में है।
हालांकि लॉन्ग टर्म में यह शेयर जबरदस्त मल्टीबैगर साबित हुआ है। पिछले 5 साल में इसके भाव में 1 हजार प्रतिशत की, जबकि 10 साल में 8 हजार प्रतिशत की तेजी आई है।
हालांकि लॉन्ग टर्म में यह शेयर जबरदस्त मल्टीबैगर साबित हुआ है। पिछले 5 साल में इसके भाव में 1 हजार प्रतिशत की, जबकि 10 साल में 8 हजार प्रतिशत की तेजी आई है।
ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल का मानना है कि यह शेयर अब भी खरीदने लायक है। मोतीलाल ओसवाल ने शेयर को बाई रेटिंग दी है और 1800 रुपये का टारगेट दिया है।
ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल का मानना है कि यह शेयर अब भी खरीदने लायक है। मोतीलाल ओसवाल ने शेयर को बाई रेटिंग दी है और 1800 रुपये का टारगेट दिया है।
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। हमारी तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।