<![CDATA[मंगलवार से शुरू हुई दो दिवसीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में आज ब्याज दरों को कम करने को लेकर फैसला लिया जा सकता है। एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि आरबीआई ब्याज दरों में कटौती का फैसला कर सकता है। ऐसे में सस्ते कर्ज की उम्मीद तेज हो गई है। बुधवार को आरबीआइ मौजूदा वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति पर बयान जारी करेगा। क्या है सरकार का रूख: सरकार ने नीतिगत ब्याज दर यानी रेपो रेट में कटौती के लिए वकालत की है। वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना है कि महंगाई नियंत्रित है। निवेश और विकास दर को रफ्तार दिये जाने की जरूरत है। इस समय ब्याज दर घटाने के लिए हालात अनुकूल हैं। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक जीएसटी का असर आंकने के बाद ही ब्याज दर घटाने पर विचार करेगा। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को रेट कट की उम्मीद कम: यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर विनोद कथूरिया का कहना है कि उन्हें रेपो रेट में कमी होने की उम्मीद नहीं है। जीएसटी लागू होने के बाद जुलाई का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक अगस्त में देखने के बाद ही आरबीआइ कोई फैसला करेगा। अभी वह रेपो रेट में कोई परिवर्तन नहीं करेगा। अप्रैल में खुदरा महंगाई की दर दालें व सब्जियां सस्ती होने से 2.99 फीसद पर रह गई थी। भारतीय स्टेट बैंक की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर व चीफ फाइनेंशियल ऑफीसर अंशुला कांत का कहना है कि महंगाई कम है लेकिन बाजार में तरलता भी पर्याप्त है। ऐसे में ब्याज दर कटौती की कोई गुंजाइश नहीं है। दूसरे बैंकों के विलय पर विचार सरकार ने कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की वित्तीय स्थिति सुधरने का इंतजार किये बगैर ही वह उनके विलय के जरिये पुनर्गठन की संभावनाओं पर विचार कर रही है। पिछले अप्रैल में भारतीय स्टेट बैंक में उसके पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय किया गया था। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि हमने समूचे बैंकिंग तंत्र पर गौर किया है। कुछ ऐसे बैंक हैं जिनका पुनर्गठन मौजूदा स्थिति में ही किया जा सकता है। हम इस पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। पुराने जमा नोटों की गणना में लगेगा काफी वक्त वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नोटबंदी पर संकेत दिया है कि बैंकों में जमा हुए पुराने नोटों की जानकारी आम लोगों को मिलने में लंबा समय लग सकता है। इसके लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई है। जेटली ने कहा कि आरबीआइ को हर नोट की गिनती करनी है। उसे कुल 14-15 लाख करोड़ नोटों की गिनती करना और नकली नोटों को निकालकर सही आंकड़ा तैयार करना होगा।]]>