<!--[CDATA[ निफ्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध 50 प्रमुख शेयरों का सूचकांक है. निफ्टी दो शब्दों को मिला कर बना है NATIONAL और FIFTY. इससे यह प्रतीत होता है कि निफ्टी शब्द नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध सर्वोच्च पचास शेयरों पर आधारित है. निफ्टी की चाल से आपको बाजार की चाल का हाल मालूम हो जाता है. यदि निफ्टी में तेजी है तो आप मान सकते हैं कि बाजार में भी तेजी है. यदि निफ्टी में गिरावट है तो आप मान सकते हैं कि बाजार में भी गिरावट है. हालाँकि निफ्टी केवल पचास शेयरों की कीमत के आधार पर ही गिना जाता है फिर भी निफ्टी की दिशा बाजार की दिशा का भी संकेत देती है. BSE तथा NSE भारत के प्रमुख शेयर बाजार हैं जहां शेयरों की ट्रेडिंग होती है. सेंसेक्स तथा निफ्टी इनके प्रमुख सूचकांक हैं. हमने अपनी पिछली पोस्ट Sensex in Hindi में आपको बताया था की सेंसेक्स क्या है और इसे कैसे गिनाते हैं. सेंसेक्स क्योंकि 30 शेयरों पर आधारित है और निफ्टी 50 शेयरों पर आधारित है तो हम कह सकते हैं की निफ्टी बाजार की चाल का व्यापक तरीके से प्रतिनिधित्व करता है. यह पचास शेयर 22 अलग अलग उद्योगों से लिए गए हैं. सेंसेक्स की ही तरह निफ्टी भी मुक्त फ्लोट बाजार भारित शेयर बाजार सूचकांक (free-float market-weighted stock market index) है. किसी भी कंपनी के बाजार पूंजीकरण Market Capitalization का वह हिस्सा जो बिकने के लिए बाजार में उपलब्ध हो सकता है वह फ्री फ्लोट बाजार पूँजी होगी और उसी के आधार पर निफ्टी की भी गणना की जाती है. मुक्त फ्लोट बाजार भारित शेयर बाजार सूचकांक (free-float market-weighted stock market index) में इंडेक्स की कैसे गणना की जाती है गणना का पूरा तरीका आप Sensex in Hindi पर देख सकते हैं. निफ्टी का आधार वर्ष 1995 है और आधार अंक 1000 है. इस सूचकांक की गणना 3 नवम्बर 1995 से की जाती है और इस दिन सूचकांक का आधार 1000 माना गया है. आज यदि निफ्टी का मूल्य 8000 के करीब है, तो इसका मतलब यह है कि निफ्टी के शेयरों की कीमत 1995 के मुकाबले अब तक 800% तक बढ़ चुकी है. यह मेरी कोशिश थी Nifty in Hindi में समझाने की. उम्मीद है कि आपको समझ आ गया होगा कि निफ्टी क्या है और इस का क्या महत्व है. निफ्टी का सफर नैशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी सूचकांक ने मंगलवार को 10,000 की एक नई ऊंचाई को छू लिया। इसी निफ्टी ने 1996 में 1,000 से शुरुआत की थी। 1,000 से 10,000 के बीच कैसा रहा निफ्टी का 21 साल का यह सफर, देखते हैं... 1,000: 21 अप्रैल, 1996 को लॉन्च हुए निफ्टी सूचकांक की बेस वैल्यू थी 1,000। 2,000: 8 साल बाद, 2 दिसंबर 2004 में निफ्टी ने 2,000 का आंकड़ा छुआ। इसी के साथ निवेशकों की राशि को भी दोगुना करके दिया। 3,000: 2,000 से 3,000 पहुंचने में निफ्टी को एक साल से ज्यादा लग गया। 30 जनवरी, 2006 को निफ्टी ने 3,000 का आंकड़ा छुआ। 4,000: लॉन्च होने के 10 साल बाद 1 दिसंबर, 2006 को 1000 अंकों की बढ़त के साथ निफ्टी 4,000 पर पहुंच गया। 5,000: 4,000 से 5,000 पहुंचने में भी निफ्टी को सिर्फ 10 महीने का समय लगा। 27 सितंबर, 2007 को निफ्टी 5,000 के आंकड़े को छू चुका था। 6,000: साल 2007 निफ्टी के लिए एक और ऊंचाई लेकर आया था। 11 दिसंबर, 2007 को निफ्टी 6000 तक भी पहुंच गया। 3 महीने में 1,000 अंकों की बढ़त के साथ निफ्टी ने गजब का उछाल देखा। 7,000: 2007 के बाद निफ्टी की रफ्तार धीमी पड़ गई और अगले 1,000 अंकों के लिए उसे 7 साल तक इंतजार करना पड़ा। 12 मई, 2014 को निफ्टी ने 7,000 का आंकड़ा छुआ। उस साल लोकसभा चुनावों में बीजेपी के जीतने की संभावनाओं के चलते निफ्टी में यह उछाल देखने को मिला था। 8,000: 2014 के चुनावों में बीजेपी की जीत के बाद नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से बाजार को यकीन था कि वह इकनॉमिक रिफॉर्म्स को बढ़ावा देंगे। इसका असर 1 सितंबर, 2014 को देखने को मिला जब निफ्टी 8,000 के आंकड़े पर पहुंचा। 9,000: एक बार फिर अगले 1,000 अंकों को पाने में निफ्टी को 3 साल लगे। इसी साल 14 मार्च, 2017 को विदेशी निवेशकों के द्वारा भारी खरीदी के बाद 9,000 के आंकड़े पर पहुंच गया। 10,000: सरकार के इकनॉमिक रिफॉर्म्स, जीएसटी, कॉर्पोरेट घरानों को मिलते मुनाफे के बीच मंगलवार को निफ्टी 10,000 पर पहुंच गया। रिजर्व बैंक द्वारा इंटरेस्ट रेट को कट किए जाने की संभावनाओं, फॉरन एक्सचेंज रिजर्व और अच्छा मॉनसून भी इस उछाल की बड़ी वजह रहे।]]-->