<![CDATA[वित्त मंत्रालय ने कहा कि वह मर्चेंट छूट दर (एमडीआर) के मुद्दे पर भारतीय रिजर्व बैंक के साथ चर्चा करेगा, ताकि इसे कम करने की प्रणाली पर काम किया जा सके. केंद्रीय बैंक ने हाल ही में इस दर को सौदा मूल्य के 0.25 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.90 प्रतिशत कर दिया. मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार उक्त शुल्कों में बढ़ोतरी से डिजिटल इंडिया अभियान पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है इसलिए इस मुद्दे पर विचार किए जाने की जरूरत है. वहीं केंद्रीय बैंक ने स्पष्ट किया है कि उसने एमडीआर के बारे में फैसला सभी भागीदारों के साथ विचार विमर्श के बाद किया. क्या होता है एमडीआर मर्चेंट डिस्काउंट रेट वह रेट होता है, जो बैंक किसी भी दुकानदार अथवा कारोबारी से कार्ड पेमेंट सेवा के लिए लेता है. ज्यादातर कारोबारी एमडीआर चार्जेज का भार ग्राहकों डालते हैं और बैंकों को दी जाने वाली फीस का अपनी जेब पर भार कम करने के लिए ग्राहकों से भी इसके बूते फीस वसूलते हैं. एमडीआर घटने से क्या होगा अगर आने वाले दिनों में एमडीआर चार्जेज बैंक घटाते हैं, तो इसका फायदा आम आदमी को भी मिलेगा. एमडीआर चार्जेज कम होने से जब भी आप प्वाइंट ऑफ सेल्स मशीन से डेबिट कार्ड से लेनदेन करेंगे, तो आपको एक्स्ट्रा फीस कम या ना के बराबर भरनी पड़ेगी]]>