नोटबंदी के बाद देश में मोबाइल पेमेंट कंपनियों के बिजनेस में भारी उछाल आया है। नोटबंदी के बाद सरकार मोबाइल फोन के जरिए देशभर में डिजिटल भुगतान और कैशलेस इकॉनमी को आगे बढ़ाने पर जोर दे रही है। वहीं चिपसेट कंपनी क्वालकॉम ने कहा कि भारत में कोई भी मोबाइल भुगतान ऐप पुरी तरह सुरक्षित नहीं है। कंपनी के मुताबिक, भारत में वॉलेट और मोबाइल बैंकिंग ऐप्लिकेशंस द्वारा हार्डवेयर स्तर की सुरक्षा का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है, जिससे आॅनलाइन लेनदेन अधिक सुरक्षित हो सकता है। क्वालकॉम के वरिष्ठ निदेशक उत्पाद प्रबंधन एसवाई चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आपको यह जानकर हैरानी होगी कि दुनिया में बैंकिंग या वॉलेट ऐप द्वारा हार्डवेयर सुरक्षा का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। ये पूर्ण रूप से एंड्रायड पर काम करती हैं। इसमें प्रयोगकर्ता का पासवर्ड चुराया जा सकता है। फिंगरप्रिंट को भी छापा जा सकता है। भारत में ज्यादातर डिजिटल वॉलेट और मोबाइल बैंकिंग ऐप के साथ यही स्थिति है।’’ उन्होंने कहा कि भारत में सबसे अधिक लोकप्रिय डिजिटल भुगतान ऐप द्वारा भी हार्डवेयर स्तर की सुरक्षा का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। बता दें कि 8 नवंबर को लिए गए 500 और 1000 रुपए के नोट को बंद करने के फैसले के बाद देश में मोबाइल पेमेंट कंपनियों के बिजनेस में भारी उछाल आया है। इतना ही नहीं, फैसले से पहले घाटे में चल रही देश की सबसे बड़ी ई-वॉलेट कंपनी पेटीएम (Paytm) के ट्रांजेक्शन में भारी इजाफा हुआ है। इसके अलावा मोबीक्विक और फ्रीचार्ज जैसी ई-वॉलेट कंपनियों के यूजर्स में भी इजाफा देखने को मिल रहा है।]]>