<![CDATA[भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि एनबीएफसी सोने पर सिर्फ 25,000 रुपए तक का लोन ही कैश में दे सकेंगी। इससे अधिक का लोन देने के लिए उन्हें चेक का इस्तेमाल करना होगा। अगर आप भी अपने पास पड़े सोने के बदले लोन लेने की सोच रहे हैं तो ये खबर आपके काम की है। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि अब गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) सोने पर सिर्फ 25,000 रुपए तक का लोन ही कैश में दे सकेंगी। इससे अधिक का लोन देने के लिए उन्हें चेक का इस्तेमाल करना होगा। इससे पहले नियम था कि एनबीएफसी सिर्फ 1 लाख या उससे अधिक के लोन को ही चेक से देती थी। अगर लोन की राशि 1 लाख से कम होती थी, तो एनबीएफसी उसका भुगतान कैश में कर सकती थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि आयकर कानून की धारा 1961 के अनुसार 20,000 रुपए तक का लेन-देन कैश में करने की अनुमति है, जबकि एनबीएफसी के लिए लोन के रूप में दी जाने वाली कैश राशि की सीमा के प्रावधान में कुछ संशोधन किया गया है। इस तरह से सरकार की ओर से डिजिटल भुगतान की ओर प्रेरित करने की योजना बनाई जा रही है। सरकार का मानना है कि इस तरह के कदमों से काले धन पर रोक लगेगी और नकली नोटों की समस्या से भी काफी हद तक निपटने में आसानी होगी। नवंबर 2016 से ही सरकार लगातार डिजिटल भुगतान की ओर बढ़ने के लिए लोगों को प्रेरित कर रही है। इसमें कुछ योजनाएं ऐच्छिक हैं तो कुछ अनिवार्य। इसी तरह से नोटबंदी से लोगों को जबरदस्ती डिजिटल भुगतान की ओर जाने को कहा गया था। हालांकि, इससे बहुत से लोगों ने डिजिटल भुगतान करना शुरू भी कर दिया है। इसी क्रम में अब बैंकों द्वारा लगाए जा रहे चार्ज भी लोगों को डिजिटल भुगतान की ओर प्रेरित कर रहे हैं।]]>