चीन की मुद्रास्फीति दर मई में पिछले एक साल से अधिक की अवधि के सबसे उच्च स्तर पर चली गई. इसकी प्रमुख वजह सुअर के मांस और फलों की कीमतों में बेहताशा बढ़ोतरी होना है. सुअर के मांस की कीमत में बढ़ोतरी की वजह अफ्रीका में स्वाइन बुखार की महामारी फैलना और मौसम का खराब होना है. एक तरफ जहां कीमतें बढ़ रही हैं, वहीं दूसरी तरफ मांग कमजोर बनी हुई है. इसकी एक बड़ी वजह अमेरिका के साथ चल रहे व्यापार युद्ध के चलते बने आर्थिक अनिश्चिता के हालात हैं.
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 2.7 प्रतिशत को छू गया
चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के हिसाब से मई में चीन का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 2.7 प्रतिशत को छू गया. अप्रैल में यह 2.5 प्रतिशत था. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक खुदरा मुद्रास्फीति का पता लगाने का एक अहम कारक है. मई की खुदरा मुद्रास्फीति दर फरवरी 2018 के बाद सबसे ऊंची है. यह आंकड़े ब्लूमबर्ग न्यूज के अनुमान के मुताबिक हैं. चीन में सुअर के मांस की कीमत में मई में 18.2 प्रतिशत तक की वृद्धि देखी गयी. ताजे फलों के मूल्य में भी 26.7 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गयी है.
पाकिस्तान के हालात खराब
आपको बता दें पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी महंगाई सांतवे आसमान पर पहुंच गई है. पिछले दिनों कंगाली के दरवाज़े पर खड़े पाकिस्तान ने अगले वित्त वर्ष के रक्षा बजट में कटौती करने का निर्णय लिया है. पाकिस्तान की सेना के तीनों अंग, यानी थल सेना, वायु सेना और नौसेना, इस कटौती का बोझ उठाएंगे. पाकिस्तान के पास पैसे की इतनी कमी है कि वहां के ऑफिसर्स रैंक के अधिकारियों की तनख्वाह नहीं बढ़ाई जाएगी. हालांकि, सैनिकों को इससे अलग रखा गया है.
पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने ने भी सेना के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि रक्षा बजट से बचाई गई रकम को बलोचिस्तान और कबायली इलाकों में खर्च किया जाएगा. पाकिस्तान के अखबार The Express Tribune के मुताबिक, अगले वित्तीय वर्ष का अनुमानित रक्षा बजट एक लाख 27 हजार करोड़ पाकिस्तानी रुपए है. इसमें पूर्व सैनिकों की पेंशन और स्पेशल सैन्य पैकेज में होने वाले खर्च शामिल हैं.
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