फेडरल रिज़र्व ने साल 2008 के बाद से बुधवार को पहली बार ब्याज दरों में कटौती की है। फेड ने एक दशक से ज्यादा समय बाद दरों में कटौती की है। फेडरल रिज़र्व द्वारा यह कदम अर्थव्यवस्था में गिरावट की आशंका से बचने के लिए उठाया गया है। न्यूज एजेंसी पीटीआइ/एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार फेडरल रिजर्व ने मुख्य ब्याज दर में 0.25 फीसदी की कटौती की है।
एक विज्ञप्ति में फेड की हाल ही में हुई दो दिवसीय पॉलिसी बैठक की समाप्ति पर फेडरल रिज़र्व ने कहा कि उन्होंने ब्याज दरों में कटौती का फैसला लिया है। फेड के इस फैसले का भारतीय शेयर मार्केट पर भारी असर देखने को मिला है। सेंसेक्स आज करीब 480 अंकों की गिरावरट के साथ कारोबार कर रहा है।
फेडरल रिज़र्व की इस घोषणा के बाद अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल और सोने की कीमत में गिरावट देखी गई है। इस फैसले के बाद कच्चे तेल की कीमतें 1.06 डॉलर प्रति बैरल घटकर 63.99 डॉलर पर पहुंच गई है। वहीं, अक्टूबर महीने के लिए गोल्ड फ्यूचर का निपटान अमेरिका में 0.4 फीसदी घट गया है। यह फेडरल के फैसले के बाद 1,431.80 डॉलर प्रति औंस हो गया है।
अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती करने के फैसले से अमेरिकी बाजार नाखुश नजर आया है। यहां शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली है। ब्याज दरों में कटौती के बावजूद अमरेका के शेयर बाजार में गिरावट की मुख्य वजह राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा दिये गए वे संकेत हैं जिनके अनुसार, फेडरल रिज़र्व सिर्फ ब्याज में ही कटौती करेगा और उससे अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए राहत पैकेज की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए।
फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती करने की योजना की घोषणा करने के बाद मार्केट में कुछ गिरावट देखने को मिली
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