कैसे करते हैं जालसाजी
जालसाज लैपटॉप में स्कैन करने के बाद नए नंबर डाल चेकों पर खाता नंबर, नाम और चेक नंबर प्रिंट कर लेते हैं। इसके बाद बेयरर चेक बनाकर बैंकों से खाते में भुगतान लिया जाता है। जिन खातों में मोबाइल नंबर दर्ज होता है, उनके चेक 50 हजार से नीचे के होते हैं, ताकि असली खातेदार के मोबाइल पर वेरिफिकेशन मेसेज न जाए।
बचाव की तरीके
किसी अंजान आदमी के साथ इंटरनेट बैंकिंग पर लेनदेन न करें और इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल करते समय बहुत ही सावधानी बरतें। इसके अलावा इंटरनेट बैंकिंग पर यूजर आईडी और पासवर्ड किसी से शेयर न करें। बीच बीच में इंटरनेट बैंकिंग का पासवर्ड बदलते रहें। अपना चेक, चाहे वह केंसिल हो, किसी को न दें और बैंक से आने वाले हर मैसेज को ध्यान से पढ़ना चाहिए। हम अक्सर बैंक से आने वाले मैसेज पर ध्यान नहीं देते हैं। इसलिए आपके बैंक से आने वाले मैंसेज को ध्यान से पढ़े। उल्लेखनीय है कि सावधानी में ही सुरक्षा है।
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