श्रीनिवास का कहना था कि यदि आपने एक बार नई शुरुआत के प्रावधान का लाभ उठा लिया तो आप अगले पांच साल तक इसका लाभ नहीं उठा सकेंगे। यह बकाया कर्ज को कम करने जैसा होगा। पूरे देश भर में तीन से चार साल की अवधि में यह 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक नहीं होगा। हमने सूक्ष्मवित्त उद्योग के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की है और उनकी चिंताओं पर गौर किया है। हमारा मकसद है कि पात्रता के आधार पर छोटे कर्जदारों का कर्ज माफ किया जाए।
60 हजार हो सालाना आय
दिवाला एवं शोधन अक्षमता के तहत ‘नई शुरुआत’ योजना में कई नियम-शर्तें हैं, इसमें एक यह भी है कि कर्जदार की सालाना आय 60 हजार रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। साथ ही कर्जदार की कुल संपत्ति 20 हजार रुपये से ज्यादा नहीं हो और ब्याज और अन्य देनदारियों को जोड़कर कर्ज 35 हजार रुपये से ज्यादा नहीं होना चाहिए। किसी व्यक्ति के पास घर है तो भी उसे इसका लाभ नहीं मिलेगा। 10 हजार करोड़ रुपये योजना पर खर्च कर सकती है सरकार। 05 साल तक दोबारा लाभ नहीं ले पाएंगे कर्ज माफी पाने के बाद।
गांव-कस्बों को फायदा
सूक्ष्म वित्त उद्योग समूह की कंपनी गांव-कस्बों में छोटे-छोटे कर्ज बांटती हैं। इसमें पशु खरीदने, छोटी दुकान खोलने से लेकर कारोबारी ऋण शामिल है। ऐसे में यह राहत दी जाती है तो उद्योग समूह के साथ कर्जदाता को बड़ी राहत मिलेगी।
]]>