आरबीआई ने अपनी पॉलिसी की घोषणा में इस बार अनुमान के उलट रेपो
रेट में कोई परिवर्तन नहीं किया है। वही GDP ग्रोथ का अनुमान घटाया और महंगाई का बढ़ाया। पहले आरबीआई इस
साल 5 बार में रीपो रेट में 1.35% कमी कर चुका है, जिसका फायदा कई बैंकों ने ग्राहकों को दिया था। लेकिन इस बार
ऐसा नहीं किया गया है।
जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ के 4.5 पर्सेंट के 6 साल के निचले स्तर पर पहुंचने के बाद इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि रिज़र्व बैंक एक बार फिर ब्याज दरों में कटौती करेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और तीन दिनों की पॉलिसी बैठक के बाद नीतिगत दरों में बदलाव नहीं किया गया। हालांकि केंद्रीय बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान 6.1 पर्सेंट से घटाकर 5% कर दिया और महंगाई दर का अनुमान 3.5 पर्सेंट से बढ़ाकर 3.7% कर दिया है।
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