भोपाल। आरबीआई ने जब से आदेश जारी करके पेटीएम पेमेंट्स बैंक को नए ग्राहक जोड़ने पर रोक लगाई है, तब से यूजर्स के मन में सवाल है कि आखिर ऐसा क्यों किया गया? रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 31 जनवरी 2024 को पेटीएम को यह आदेश जारी किया था कि 29 फरवरी के बाद मौजूदा ग्राहकों के भी अकाउंट में अमाउंट ऐड करने पर रोक लगा दी जाए। उल्लेखनीय है, कि आरबीआई ने यह सख्त कदम एक रिपोर्ट के बाद उठाया। अगर आप पेटीएम यूजर्स हैं तो आपके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि आखिर इस रिपोर्ट में ऐसा क्या रहा? आइये आपको बताते हैं…
खोले राज
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, इस पूरे मामले से सीधे तौर पर परिचित लोगों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि पेटीएम ने नियामक मानदंडों को लेकर कई उल्लंघन किए, जिनमें मनी लॉन्ड्रिंग और रिलेटेड पार्टी ट्रांजेक्शन से संबंधित नियम शामिल हैं। हैरानी की बात है कि लगातार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की चेतावनियों पर पेटीएम ने ध्यान नहीं दिया। इस वजह से बैंकिंग नियामक संस्था ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड को लेकर यह सख्त आदेश दिया।
KYC में गलतियां
इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि आरबीआई द्वारा पेटीएम पेमेंट्स बैंक में किए गए एक सिस्टम ऑडिट में नो-योर-कस्टमर (KYC) दस्तावेजों के संबंध में मनी-लॉन्ड्रिंग विरोधी कानूनों के पालन से संबंधित कई खामियां पाई गईं। इसमें आरबीआई ने पाया कि कंपनी ने ग्राहकों को अपने साथ जोड़ने से पहले धन के स्रोत के बैकग्राउंड की सही से जांच नहीं की।
ट्रांजेक्शन में खामियां
वहीं, दूसरा इश्यू अन्य पेटीएम समूह की कंपनियों के साथ नियमित रिलेटेड पार्टी ट्रांजेक्शन का था। इन लोगों ने कहा कि बैंकिंग नियामक ने पाया कि पेमेंट्स बैंक हितों के संभावित टकराव से खुद को बचाने के लिए उचित उपायों का पालन नहीं कर रहा था।
शेयर होल्डिंग पैटर्न पर चिंताएं
पेटीएम पेमेंट्स बैंक की कॉम्प्लेक्स ऑनरशिप स्ट्रक्चर रिलेटेड-पार्टी ट्रांजेक्शन को लेकर भी सेंट्रल बैंक की चिंताएं बढ़ रही थीं। पेटीएम की पैरेंट कंपनी One97 कम्युनिकेशंस के पास पेमेंट्स बैंक का 49% हिस्सा है, लगभग 10% का स्वामित्व विजय शेखर शर्मा और One97 के बीच एक ज्वाइंट वेंचर के माध्यम से है। इसके अलावा, केंद्रीय बैंक ने क्लाउड, डेटा स्टोरेज और डेटा गोपनीयता के मामले में ऋणदाता के आईटी सिस्टम में कुछ कमजोरियों को पाया। इस बारे में कंपनी को कई बार चेताया गया, लेकिन RBI की चेतावनियों के बावजूद खामियां दूर नहीं की गईं।