केंद्र सरकार दूसरी तिमाही के दौरान देश के आर्थिक स्थिति की दशा व दिशा से संबंधित आंकड़े जारी करेगी। सरकार, के साथ ही केंद्रीय बैंक एवं देशी व विदेशी आर्थिक एजेंसियों को भरोसा है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही ( जुलाई से सितंबर, 2020) में देश के आर्थिक हालात पहली तिमाही के अनुपात में बहुत अच्छे रहेंगे। शुक्रवार को केंद्र सरकार के द्वारा आर्थिक आंकड़े जारी किए जाएगें।
पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 23.9 प्रतिशत की ऐतिहासिक गिरावट अंकित की गई थी। दूसरी तिमाही में भी जीडीपी की गिरावट की गति 10 प्रतिशत के लगभग रहने की संभावना है। गिरावट की यह गति वर्तमान तिमाही में और धीमी पड़ेगी और चौथी तिमाही यानी जनवरी से मार्च, 2021 में ही वृद्धि दर के सकारात्मक होने की संभावना जताई जा रही है। दो प्रमुख आर्थिक रिसर्च एजेंसियों एसबीआइ और क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरी तिमाही में भी अर्थव्यवस्था की स्थिति को संभालने में सबसे बड़ी भूमिका कृषि क्षेत्र ही निभाएगा। एसबीआइ की रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में गिरावट की रफ्तार 10.7 प्रतिशत के आसपास रह सकती है।
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी)
कोरोना प्रभाव के चलते लॉकडाउन के हटाये जाने के बाद भी माइनिंग, कंस्ट्रक्शन, मैन्यूफैक्चरिंग और ट्रेड व पर्यटन जैसे कई सेक्टरों की स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है। लेकिन बिजली, गैस, वित्त, बीमा, बस सेवाओं जैसे सभी सेक्टरों में सुधार के कारण से पहली तिमाही जैसी गिरावट नहीं होगी। पहली तिमाही में कृषि ही एकमात्र ऐसा क्षेत्र रहा था जिसमें सकारात्मक वृद्धि प्राप्त की गई थी, उसी प्रकार इस बार भी कृषि की स्थिति काफी अच्छी रहने की संभावना है।