वित्त वर्ष 2020-21 खत्म होने वाला है। जिन लोगों ने अभी तक टैक्स सेविंग नहीं की है, और टैक्स सेविंग के बेस्ट तरीके खोज रहे हैं। आयकर कानून के विभिन्न सेक्शंस के तहत मिलने वाले टैक्स डिडक्शन का लाभ स्वास्थ्य बीमा पर भी लिया जा सकता है। जी हां, अगर कोई अपने या अपने परिवार के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम का भुगतान कर रहा है तो वह एक वित्त वर्ष में 1 लाख रुपये तक का डिडक्शन क्लेम कर सकता है।
80D के तहत
हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के भुगतान पर आयकर कानून के सेक्शन 80D के तहत डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। व्यक्ति या HUF सेक्शन 80D के तहत खुद के लिए, पति/पत्नी और निर्भर बच्चों के मेडिकल इंश्योरेंस समेत माता-पिता के मेडिकल इंश्योरेंस के लिए भरे जा रहे प्रीमियम पर डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।
डिडक्शन क्लेम की अलग-अलग सीमा
60 वर्ष से कम उम्र का व्यक्ति या HUF खुद के लिए, पति/पत्नी और निर्भर बच्चों के हेल्थ इंश्योरेंस के लिए चुकाए गए प्रीमियम पर अधिकतम 25 हजार रुपये तक का टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकता है। सीनियर सिटीजन करदाता के मामले में डिडक्शन की लिमिट 50 हजार रुपये तक की है। अगर करदाता, अपने जीवनसाथी व बच्चों के साथ 60 वर्ष से कम उम्र के माता-पिता के लिए भी मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम और/या मेडिकल खर्चों का वहन कर रहा है तो उसे 25 हजार रुपये का अतिरिक्त टैक्स डिडक्शन मिलेगा। अगर माता-पिता 60 वर्ष से अधिक आयु के हैं तो 50 हजार रुपये का अतिरिक्त डिडक्शन क्लेम किया जा सकेगा।
1 लाख तक क्लेम
यदि किसी टैक्सपेयर और उसके पेरेटेंस दोनों की आयु 60 वर्ष या उससे अधिक हैं और टैक्सपेयर एक पॉलिसी अपने जीवनसाथी व बच्चों और दूसरी पॉलिसी अपने अभिभावकों के लिए खरीदता है तो दोनों ही पॉलिसीज पर 50-50 हजार रुपये तक का डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। यानी कुल मिलाकर अधिकतम 1 लाख रुपये तक की टैक्स सेविंग की जा सकती है।
प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप
यह भी प्रावधान है कि रेगुलर हेल्थ इंश्योरेंस के अलावा कोई व्यक्तिगत करदाता यकर कानून के सेक्शन 80D के तहत प्रिवेंटिव हेल्थ चेक-अप पर हुए खर्च के लिए 5 हजार रुपये तक के डिडक्शन का क्लेम भी कर सकता है।