एसबीआई (SBI) सहित देश के और कई दूसरे बैंकों के लिए अच्छी खबर है। इस सप्ताह उन्हें रिकवरी के रूप में 37,400 करोड़ रुपये का चेक मिलने जा रहा है। उल्लेखनीय है कि पीरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस (PCHF) संकट से जूझ रही होम फाइनेंसर कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस (DHFL) को खरीदने जा रही है। इस बारे में सूत्रों का कहना है कि यह डील इसी महीने पूरी हो सकती है। इससे बैंकों को अपफ्रंट कैश और नॉन कनवर्टीबल डिबेंचर्स (NCDs) के रूप में अपना बकाया मिलेगा। इसको इस वित्त वर्ष में फंसे कर्ज की सबसे बड़ी रिकवरी माना जा रहा है।
बैंकों को रिकवरी का 20 प्रतिशत हिस्सा कैश में मिलेगा
सूत्रों के अनुसार DHFL को कर्ज देने वाले बैंकों को इस सप्ताह कैश वाला हिस्सा मिल जाएगा। इससे उन्हें अपनी वित्तीय स्थिति सुधारने में सहायता मिलेगी और दूसरी तिमाही में उनका लाभांश में बढ़ौतरी हो सकती है। बैंकों को रिकवरी का 20 प्रतिशत हिस्सा कैश के रूप में मिलेगा। एसबीआई और दूसरे बैंकों ने DHFL पर 87,000 करोड़ रुपये के बकाये का दावा किया है। इसमें केवल एसबीआई का ही कंपनी पर 7,267 करोड़ रुपये बकाया है। बैंक ऑफ इंडिया ने 4,125 करोड़ रुपये और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 3,605 करोड़ रुपये के बकाये का दावा किया है।
किस किस बैंक को कितना प्रतिशत मिलेगा
उल्लेखनीय है कि पीरामल ने DHFL को क्रय करने के लिए कुल 37,400 करोड़ रुपये की बोली लगाई है जो बैंकों के बकाये का 43 प्रतिशत है। इस रिकवरी में 20 प्रतिशत कैश और 23 प्रतिशत एनसीडी में बांटा गया है। 30 सितंबर तक बैंकों को कुल 17400 करोड़ रुपये मिलेंगे। इस हिसाब से एसबीआई को 1453 करोड़ रुपये मिलेंगे। इसी तरह बैंक ऑफ इंडिया को 825 करोड़ रुपये और यूबीआई को 721 करोड़ रुपये मिलेंगे। इससे इस तिमाही में उनके लाभाशं में बढ़ौतरी होगी।जून माह में नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मुंबई बेंच ने डीएचएफएल के लिए पीरामल के रिजॉल्यूशन प्लान (resolution plan) को स्वीकृति प्रदान की थी। यह रिजॉल्यूशन 5 वर्ष पुराने इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के लिए ऐतिहासिक है। इस रिकवरी मैकेनिज्म (recovery mechanism) के तहत यह ऋण समाधान (debt resolution) का पहला विषय है।