यूपीआई के माध्‍यम से 1 लाख रुपए तक के पेमेंट के लिए ओटीपी नहीं देना पड़ेगा

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भोपाल। अगर आप भी म्युचुअल फंड में सिप के जरिए निवेश करते हैं या इंश्योरेंस का नियमित अंतराल पर प्रीमियम भरते हैं या क्रेडिट कार्ड का रीपेमेंट करते हैं और इसके लिए अपने यूपीआई एप में ऑटोमेटेड पेमेंट सिस्टम सेट कर रखा है तो यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस या यूपीआई के जरिए 1 लाख रुपए तक के इन पेमेंट के लिए अब आपको ओटीपी नहीं देना पड़ेगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने यूपीआई ऑटो पेमेंट की लिमिट को बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। इससे पहले ₹15000 से अधिक के यूपीआई ऑटो पेमेंट के लिए ओटीपी की आवश्‍यकता पड़ती थी।

अब भारतीय रिजर्व बैंक के नए प्रावधान के मुताबिक म्यूचुअल फंड सब्सक्रिप्शन, इंश्योरेंस प्रीमियम सब्सक्रिप्शन और क्रेडिट कार्ड के रीपेमेंट के ₹1,00,000 तक की रकम के ऑटोमेटेड पेमेंट के लिए आपको ओटीपी डालने की जरूरत नहीं होगी, इससे संबंधित सर्कुलर जल्द ही जारी किया जा सकता है।

यूपीआई ऑटो पेमेंट वास्तव में ग्राहक की सुविधा के लिए शुरू की गई एक व्यवस्था है जिसमें वे अपने बिल का समय से पेमेंट कर सकें। इससे कस्टमाइजेशन, फ्लैक्सिबिलिटी, सिक्योरिटी, कैशलेस ट्रांजेक्शन और अन्य तरह की सुविधा होती है।

भारतीय रिजर्व बैंक यूपीआई ऑटो पेमेंट मेंडेट में तेजी लाने के लिए इस तरह की व्यवस्था करने जा रहा है। इसका मतलब यह है कि अगर आप एमएफ़ में निवेश, बीमा प्रीमियम का भुगतान या क्रेडिट कार्ड के बिल का पेमेंट करने के लिए ₹100000 तक की रकम को यूपीआई ऑटो पेमेंट मोड में सेट कर देते हैं तो हर महीने की निर्धारित तारीख को यह पेमेंट बिना ओटीपी के खुद प्रोसेस हो जाएगा।

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक अगस्त 2019 में रिकरिंग ट्रांजैक्शन के लिए ई मैंडेट का फ्रेमवर्क बनाया गया था। इससे डिजिटल ट्रांजेक्शन में सुरक्षा को देखते हुए पेश किया गया था। इसके साथ ही इसका उद्देश्य यह था कि इससे ग्राहकों को सुविधा हो। बिना किसी अतिरिक्त ऑथेंटिकेशन के ₹15000 तक के यूपीआई ऑटो पेमेंट की सुविधा दी गई थी।

इस समय तक इस तरह के ई मेंडेट के लिए 8।5 करोड़ बिल रजिस्टर हुए हैं। हर महीने इस सुविधा से 2800 करोड रुपए के ट्रांजैक्शन हो रहे हैं। यह सिस्टम अब स्थिर हो चुका है, लेकिन म्युचुअल फंड, इंश्योरेंस प्रीमियम और क्रेडिट कार्ड के बिल पेमेंट के मामले में ₹15000 की रकम कम है जिसे बढ़ाने का सुझाव

आया था।

ग्राहकों की सुविधा को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने इस लिमिट को ₹100000 तक बढ़ाने का फैसला किया है। अगर आप भी म्युचुअल फंड में निवेश, बीमा पॉलिसी के प्रीमियम के भुगतान और क्रेडिट कार्ड का बिल पेमेंट यूपीआई के ऑटो पेमेंट सुविधा से करते हैं तो इससे आपको लेट फीस और पेनल्टी आदि से बचने में मदद मिलती है। यूपीआई के ऑटो पेमेंट सुविधा में हर महीने किए जाने वाले भुगतान की रकम और साल में किए जाने वाले भुगतान की फ्रीक्वेंसी तय कर सकते हैं।

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