रतन टाटा: रतन टाटा टाटा ग्रुप के अवकाशप्राप्त (सेवामुक्त) चेयरमैन हैं। उनकी देखरेख में ही साल 2011-12 के दौरान कंपनी के रेवेन्यू ने 100 बिलियन डॉलर का आंकड़ा छुआ था। कॉर्नेल विश्वविद्यालय और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के एक पूर्व छात्र रतन टाटा को भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार- पद्म विभूषण से भी नवाजा जा चुका है। विनोद खोसला: भारतीय मूल के अमेरिकी बिजनेसमैन और इंजीनियर विनोद खोसला सन माइक्रोसिस्टम के को-फाउंडर रहे हैं। इसे जावा प्रोग्रामिंग लैंग्वेज तैयार करने का श्रेय दिया जाता है। हालांकि इस कंपनी का साल 2010 में ओराकल ने अधिग्रहण कर लिया था। उनके वेंचर ने एकेडेमिया डॉट एडु (Academia.edu), बॉयोकन्सोर्टिया (BioConsortia) और चेकर्स समेत तमाम कंपनियों में निवेश किया है। फोब्स के मुताबिक उनकी नेट वर्थ 1.82 बिलियन डॉलर है। लक्ष्मी मित्तल: लक्ष्मी मित्तल स्टीड इंडस्ट्री में एक बड़ा नाम है और वो दुनिया में मुकेश अंबानी के बाद दूसरे सबसे अमीर भारतीय हैं। उनकी देखरेख में ही कंपनी मुश्किल दौर से बाहर निकलकर आई और उसने ऐसे समय में 1.8 बिलियन का मुनाफा दर्ज कराया जब दुनिया में स्टील का ज्यादा उत्पादन हो रहा था। साल 2015 के दौरान कंपनी को 7.9 बिलियन डॉलर का घाटा भी सहन करना पड़ा था। इनकी नेट वर्थ (फोर्ब्स के मुताबिक) 16.5 बिलियन डॉलर की है।]]>