केंद्र सरकार की ओर से लिए गए नोटबंदी के फैसले के बाद से लोगों ने भारी मात्रा में नकदी बैंकों में जमा की जिसे बैंकों ने आरबीआई के सुपुर्द कर दिया है नई दिल्ली: केंद्र सरकार की ओर से लिए गए नोटबंदी के फैसले के बाद से लोगों ने भारी मात्रा में नकदी बैंकों में जमा की जिसे बैंकों ने आरबीआई के सुपुर्द कर दिया है। लेकिन ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि बैंकों में जमा हुई कुल नकदी कितनी है? आरबीआई के डेटा के मुताबकि यह राशि करीब 11.5 लाख करोड़ है, लेकिन एसबीआई ने विशेषतौर पर इंटरबैंकिंग जमा और वापस लिए गए नोटों की संख्या को दो बार गिन लेने की संभावना को बल दे दिया है। इकोनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबकि एसबीआई, जो एक दैनिक आधार पर अपने संग्रह आंकड़ों को जारी किया करता था उसने इस हफ्ते ये आंकड़े जारी नहीं किए है, क्योंकि उसका मानना है कि यह आंकड़े अंतरबैंक जमा और लीगल नोटों की संख्या की सही तस्वीर सामने नहीं रखते हैं। 10 नवंबर के बाद से बैंक की ओर से जुटाया गया शुद्ध जमा 3.5 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। एसबीआई की चेयरमैन अरूंधती भट्टाचार्या ने बताया, “हम नंबर जारी नहीं कर रहे हैं क्योंकि हमारा मानना है कि नोटों को दो बार गिन लिए जाने की संभावना है। पोस्ट ऑफिस और कोऑपरेटिव बैंक हमारे साथ जुड़े हैं और हमने जमा के रुप में नए नोट प्राप्त करना शुरू कर दिया है।” उन्होंने कहा कि आरबीआई के नंबर पर टिप्पणी करना संभव नहीं था क्योंकि उन्हें जानकारी नहीं थी कि शायद इस मुद्दे पर बात न की जाए। आरबीआई की रिसर्च विंग ने हालांकि बताया कि इस बात की संभावना है कि बैंक में जमा हुई 10 से 15 फीसदी नकदी की दो बार गिनती हुई है। मौद्रिक समीक्षा नीति की बैठक के बाद आरबीआई के डिप्टी गवर्नर आर गांधी ने बताया था कि बैंकों के पास पहुंची कुल नकदी की संख्या 11.5 लाख करोड़ के स्तर को पार कर गई है। इसका मतलब यह हुआ कि 14.95 लाख करोड़ की पुरानी नकदी जो बाजार में थी वो बैंकों में वापस आ चुकी है]]>