उन्होंने कहा कि टिकाउ तरीके से व्यापार को बढ़ावा देने तथा रोजगार सृजन तेज करने के लिए विकासशील देशों में एमएसएमई को समर्थन देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विकासशील देशों में एमएसएमई की बेहतर भागीदारी को समर्थन देना रोजगार एवं आय सृजन के लिए महत्वपूर्ण है।
गोयल ने कहा कि यदि मुक्त व्यापार और निवेश विकास केंद्रित बने रहे तो इनसे विकासशील देशों को फायदा होगा। उन्होंने कहा, ‘इस मूलभूत उद्देश्य से परे हो जाना ही विभिन्न देशों के बीच असमानता पैदा करने का मुख्य कारण है। आज के समय में भी कई सारे देश वैश्विक व्यापार प्रणाली में एकीकृत हो पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं जिससे उनकी क्षमता को लेकर संदेह पैदा होता है।’
गोयल ने कहा कि टिकाउ एवं समावेशी तरीके से व्यापार व निवेश को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय तथा मानव पूंजी के महत्वपूर्ण संबंध पर भी जोर देने की जरूरत है। भारत में एमएसएमई निर्यात में करीब 45 फीसद, जीडीपी में करीब 25 फीसद तथा विनिर्माण उत्पादन में 33 फीसद से अधिक योगदान देते हैं।
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