एक्सपर्टस का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आर्थिक क्षेत्र में किस तरह की नीतियां बनाती है, उसे देखकर विदेशी निवेशक अपना अगला कदम तय करेंगे। मार्निंगस्टार के सीनियर रिसर्च एनेलिस्ट हिमांशु श्रीवास्तव का कहना है कि विदेशी निवेशक फिस्कल कंसोलिडेशन के मामले में सरकार की नीतियों पर नजर रखेंगे। उनके अनुकूल माहौल बना तो निश्चित तौर पर विदेशी निवेश और ज्यादा बढ़ेगा।
मई में कम हुआ था विदेशी निवेश
इससे पहले फॉरेन इन्वेस्टर्स ने मई में 9031.15 करोड़, अप्रैल में 16,093 करोड़, मार्च में 45,981 करोड़ और फरवरी में 11,182 करोड़ रुपए का निवेश घरेलू बाजार में किया था। अप्रैल और मई में अपेक्षाकृत कम निवेश आया, क्योंकि फॉरेन इन्वेस्टर्स की नजरें आम चुनाव पर टिकी थीं। सभी देख रहे थे कि केंद्र में कौन सी सरकार सत्ता संभालती है।
अमेरिका-चीन में समझौता होने से बाजार उठेगा
वैश्विक स्तर पर इकोनॉमिक शटडाउन के खतरे को देखते हुए ग्लोबल बांड मार्केट में बिकवाली तेज हो रही है। अमेरिका-चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर के चलते यह स्थित बन रही है। अगर दोनों देशों के बीच समझौता हो जाता है तो वैश्विक स्तर पर सभी मार्केट तेजी से उठेंगी।