कार डीलर से कार इंश्योरेंस खरीदने के घाटे
कार डीलर का लक्ष्य कार बेचना है और इंश्योरेंस बेचना नहीं होता है। इन दिनों डीलर कार के साथ-साथ एक बंडल प्रोडक्ट के रूप में कार इंश्योरेंस की पेशकश कर रहे हैं, जिसकी वजह से खरीदार को कई ऑफ्शन नहीं मिल पाते हैं। एक डीलर के पास आमतौर पर प्रमुख इंश्योरेंस कंपनियों के साथ एक टाई-अप होता है जो हर व्यक्ति के लिए लगभग एक ही प्रकार का इंश्योरेंस प्रोवाइड करते हैं। कम ऑप्शन होने की वजह से ग्राहक को एक पॉलिसी खरीदनी होती है जो कार को पर्याप्त कवरेज प्रदान करने में विफल रहती है। इसके अलावा डीलर की तरफ से दी गई कार इंश्योरेंस पॉलिसी कई प्रतिबंधों के साथ आती है।
एक्सेस प्रीमियम
बंडल कार इंश्योरेंस प्रोवाइड करने के लिए आमतौर पर कार डीलर इंश्योरेंस कंपनियों के साथ टाई-अप और अन्य व्यवसाय व्यवस्था में जुड़ते हैं। इसके अलावा इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम के अलावा कुछ प्रमुख पहलुओं जैसे सर्विसिंग और क्लेम में जुड़ते हैं। इससे सीधे पॉलिसी का प्रीमियम प्रभावित होता है, जिससे ग्राहक बहुत अधिक प्रीमियम देने के लिए मजबूर होते हैं। अधिकतर एक इंश्योरेंस कंपनी से एक डीलर को मिलने वाली कुल इनकम 40 फीसद तक हो जाती है।
लिमिटेड ऐड-ऑन
कार इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय कार की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए जरूरी ऐड-ऑन जैसे जीरो डेप, रिटर्न टू इनवॉइस, इंजन प्रोटेक्शन कवर आदि खरीदना बहुत जरूरी है। सच यह है कि डीलर्स की तरफ से गलत कार इंश्योरेंस पॉलिसियों पर दिए गए ऐड-ऑन आपकी कार को व्यापक सुरक्षा प्रदान करने में विफल होते हैं और कार मालिक की जरूरतों को भी पूरा नहीं करते हैं।
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