कैलंडर इयर 2019 खत्म हो चुका है और इसी के साथ FY2019-20 की आखिरी तिमाही शुरू हो चुकी है। वर्तमान समय में आपको इनकम टैक्स बचाने के लिए किए गए इंतजाम का मूल्यांकन कर लेना चाहिए और इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए तैयार हो जाना चाहिए। जल्दी से जरूरी उपाय करके आप आखिरी वक्त में टैक्स से जुड़ी गलतियां करने से बच सकते हैं और आसानी से टैक्स बचा सकते हैं। तो, आइए जान लीजिए आपको कौन-कौन से टैक्स सम्बन्धी उपाय करने चाहिए क्योंकि अब हम फाइनैंशल इयर की आखिरी तिमाही में कदम रख चुके हैं।
भागदौड़ से बचने के लिए कर ले सभी काम
वर्तमान फाइनैंशल इयर 31 मार्च 2020 को समाप्त हो जाएगा, इसलिए अपने टैक्स से जुड़े मामलों को निपटाने के लिए अब आपके पास 3 महीने ही बचे हैं। आखिरी दिन के आने का इंतजार करने और आखिरी समय में अपनी टैक्स देनदारी से जुड़े ढेर सारे लेनदेन करने से कई तरह की गंभीर गलतियां हो सकती हैं जिन्हें ठीक नहीं किया जा सकेगा। इसलिए सबसे अच्छा यही है कि जो करना है तुरंत कर लें।
टैक्स लाभ के उपाय करें
टैक्स बचत के लिए अपनी टैक्स देनदारी का पता लगाएं और टैक्स बेनिफिट का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने का उपाय करें। चूंकि यह आखिरी तिमाही शुरू हो चुकी है, इसलिए आपने अब तक अपने अनुमानित ऐनुअल इनकम के साथ-साथ अपनी टैक्स देनदारी का भी पता लगा लिया होगा। इसलिए अब उपयुक्त टैक्स सेविंग साधनों में इन्वेस्ट करके, इंश्योरेंस प्रॉडक्ट्स खरीदकर और आपके एम्पलॉयर द्वारा दिए जाने वाले भत्तों का लाभ उठाने के लिए उनसे जुड़े क्लेम करके, टैक्स सेविंग बेनिफिट का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने का समय आ गया है। यह अर्ली टैक्स प्लैनिंग नहीं है, लेकिन देर भी नहीं हुई है, इसलिए आप टैक्स बचाने का उपाय कर सकते हैं। आप इनकम टैक्स ऐक्ट सेक्शन 80D के तहत टैक्स डिडक्शन बेनिफिट के लिए क्लेम करने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम खरीद सकते हैं, सेक्शन 80C के तहत टैक्स डिडक्शन बेनिफिट के लिए क्लेम करने के लिए PPF, ELSS, ULIP, इत्यादि जैसे टैक्स सेविंग साधनों में इन्वेस्ट कर सकते हैं और सेक्शन 80CCD के तहत 50,000 रु. के अडिशनल टैक्स डिडक्शन बेनिफिट के लिए क्लेम करने के लिए NPS में भी इन्वेस्ट कर सकते हैं।
टैक्स डिडक्शन लाभ उठाएं
उल्लेखनीय है कि टैक्स बेनिफिट का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने के लिए आपको अब फाइनल स्टेप्स उठाना शुरू कर देना चाहिए। इसी के साथ, आपको टैक्स डिडक्शन लिमिट का भरपूर इस्तेमाल करने की भी कोशिश करनी चाहिए। उदाहरण के लिए, इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन बेनिफिट मिलता है। यदि आपने इस लिमिट से कम इन्वेस्ट किया है तो इस लिमिट तक इन्वेस्ट करके अभी भी और ज्यादा टैक्स बचाने की गुंजाइश है। इसी तरह, आप सेक्शन 80D के तहत ज्यादा से ज्यादा टैक्स डिडक्शन का लाभ उठाने के लिए अपने माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद सकते हैं।
अपने माता-पिता के लिए एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने पर, आपको गैर-वरिष्ठ नागरिक माता-पिता के लिए 25,000 रु. तक और वरिष्ठ नागरिक माता-पिता के लिए 50,000 रुपये तक अलग से टैक्स डिडक्शन का लाभ मिल सकता है। यदि आपने अपने वरिष्ठ नागरिक माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी नहीं ली है तो आप संबंधित फाइनैंशल इयर के दौरान अपने माता-पिता के लिए किए गए मेडिकल खर्च के लिए भी सेक्शन 80D के तहत डिडक्शन के लिए क्लेम कर सकते हैं। इसके अलावा, आप सेक्शन 80C के तहत अपने स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए दी गई ट्यूशन फीस पर भी टैक्स डिडक्शन के लिए क्लेम कर सकते हैं। ताकि आपको अधिक से अधिक टैक्स डिडक्शन बेनिफिट
टैक्स डॉक्यूमेंट्स का इंतजाम करें
चूंकि फाइनैंशल इयर के समाप्त होने में अब कुछ ही महीने बचे हैं, इसलिए आपको रिटर्न फाइल करते समय जरूरत पड़ सकने वाले डॉक्यूमेंट्स के साथ तैयार रहना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि आपने गोल्ड या रियल एस्टेट में इन्वेस्टमेंट्स किया है तो आपको उसके पेपर्स तैयार रखने चाहिए। यदि आपने फाइनैंशल इयर के दौरान शेयर या म्यूच्यूअल फंड ख़रीदा या बेचा है तो सुनिश्चित करें कि आपके पास उसका डॉक्यूमेंट है। शॉर्ट और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स/लॉस का रिकॉर्ड तैयार रखें। यदि आपने साल के दौरान नौकरी बदली है तो अपने पिछले एम्पलॉयर से फॉर्म 16 जरूर प्राप्त कर लें और अपने नए एम्पलॉयर से बाद में एक कंसोलिडेटेड फॉर्म 16 जारी करने का अनुरोध करें।
लोन का लाभ उठाएं
यदि आपने अपने लिए या एक एलिजिबल डिपेंडेंट के लिए एक एजुकेशन लोन लिया है तो आप संबंधित फाइनैंशल इयर के दौरान इस तरह के लोन पर दिए गए इंटरेस्ट के लिए सेक्शन 80E के तहत टैक्स डिडक्शन के लिए क्लेम कर सकते हैं। इसलिए, यदि आपने अभी तक इस तरह के लोन का इंटरेस्ट नहीं दिया है तो वर्तमान फाइनैंशल इयर में दे दें। सेक्शन 80C के तहत टैक्स डिडक्शन बेनिफिट, पेमेंट के आधार पर मिलता है, इसलिए PPF, ELSS, इत्यादि जैसे टैक्स सेविंग साधनों में इन्वेस्ट करने के साथ-साथ होम लोन प्रिंसिपल के पेमेंट में भी देर न करें।
LTCG को मैनेज करें
यदि आपने इक्विटी में इतना इन्वेस्टमेंट किया है कि प्रॉफिट बुक करने पर, LTCG अमाउंट, 1 लाख रु. से अधिक हो सकता है तो अपने पोर्टफोलियो का एक हिस्सा बेचकर उसी स्टॉक को अगले दिन फिर से खरीदने के लिए यह एकदम सही समय है। एक फाइनैंशल इयर में 1 लाख रु. से LTCG (इक्विटी इंस्ट्रूमेंट्स से) पर 10% टैक्स लगता है। इसलिए, फाइनैंशल इयर के दौरान इक्विटी पर 1 लाख रु. तक का LTCG बुक करके, आप 10% टैक्स लगने से बच सकते हैं, और अगले दिन उसी स्टॉक को फिर से खरीदने पर आपके इन्वेस्टमेंट का कॉस्ट भी बढ़ जाएगा जिससे भविष्य में उसी स्टॉक को बेचने पर आपका LTCG कम हो जाएगा।
इन्वेस्टमेंट करने की सोचें
यह टैक्स से जुड़े मुद्दों को हैंडल करने का समय है लेकिन अपने फाइनैंशल लक्ष्य से जुड़े इन्वेस्टमेंट को अपडेट करना भी उतना ही जरूरी है। साल 2020, साल 2019 से अलग होगा, इसलिए आपका इन्वेस्टमेंट स्टाइल, मार्केट ट्रेंड्स के अनुसार होना चाहिए। इसलिए अपने इन्वेस्टमेंट्स को रिव्यू करें, उसके परफॉरमेंस का मूल्यांकन करें और समय पर अपना टारगेट पूरा करने के लिए टैक्स के दायरे से बाहर निकलकर नए इन्वेस्टमेंट्स करें। हममें से कई लोग, सिर्फ टैक्स बचाने के लिए इन्वेस्ट करने की गलती करते हैं लेकिन इससे लॉन्ग टर्म फाइनैंशल लक्ष्यों जैसे एक पर्याप्त रिटायरमेंट फंड या अपने बच्चों की भावी जरूरतों के लिए एक फंड तैयार करने के लिए पर्याप्त रिटर्न जेनरेट नहीं भी हो सकता है। अपने वित्तीय सलाहकार की मदद अवश्य ले ताकि वह आपको उचित सलाह दे जिससे आपको किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
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