बजट को लेकर इन्वेसटर में काफी विचार विमर्श किया जा रहा है। लेकिन इन्वेस्टमेंट में ऐसा बहुत कुछ है जिस पर आप नियंत्रण नहीं कर सकते, विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों को उस पर ध्यान देना चाहिए जो उनके पास है, या उसके नियंत्रण में है। इस वर्ष का बजट जल्द पेश होने वाला है और इन्वेस्टर्स में इसे लेकर उत्साह और आशंका, दोनों हैं, कि इस बार बजट में क्या होगा। यह उम्मीद अधिक है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने बैग में से कुछ उपाय निकालेंगी और इकॉनमी को रफ्तार देने के लिए बड़ी घोषणाएं करेंगी। दूसरी ओर, ऐसे भी लोग हैं जिनका मानना है कि सीतारमण बड़े कदम उठाने से बचेंगी। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि उनकी घोषणाएं बहुत बड़ी, आक्रामक और बड़े बदलाव लाने वाली हो सकती हैं। तो इससे तीन अलग-अलग संभावनाएं बनती हैं। जिससे आप किसी खास नतीजे पर नहीं पहुच पाते हैं। इसलिए आपको वह करना चाहिए जो आपके वस में है।
बजट के हिसाब से इन्वेस्टमेंट प्लैनिंग सही नहीं
एक इन्वेस्टर को खुद को तैयार करने के उद्देश्य से इन्वेस्टमेंट के कैसे विकल्प चुनने चाहिए इस बारे में विचार करने की जरूरत है। किसी विशेष इवेंट्स के लिए तैयारी करना अपने इन्वेस्टमेंट की योजना बनाने का एक खराब तरीका है। उम्मीदों के बावजूद एक इकनॉमिक टूल के तौर पर बजट का महत्व अभी तक के निचले स्तर पर है। इकनॉमी की ग्रोथ तेज करने के लिहाज से बजट में उपाय करने की गुंजाइश कम हो गई है। गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (GST) लागू होने के बाद इनडायरेक्ट टैक्स अब बजट के दायरे से बाहर हो गया है। इसमें सभी बदलाव GST काउंसिल करती है। रेट, रूल्स, प्रक्रिया अब पूरे वर्ष बदलते रहते हैं। GST लागू करने से जुड़ी समस्याएं अब बहुत कम हो गई हैं और इस वजह से ये बदलाव भी अधिक नहीं हो रहे, लेकिन इनका बजट से कोई संबंध नहीं है। इसलिए इसलिए बजट को लेकर इन्वेस्टमेंट की प्लैनिंग करना सही निर्णय साबित नहीं होता है।
पर्सनल इनकम टैक्स और कैपिटल गेन्स टैक्स पर कुछ
सरकार ने पिछले वर्ष कॉर्पोरेट टैक्स में बड़ा बदलाव कर संकेत दिया था कि अगर जरूरत पड़ी तो डायरेक्ट टैक्स में भी वर्ष के दौरान किसी भी समय बदलाव किया जा सकता है। बजट के लिए अब पर्सनल इनकम टैक्स और कैपिटल गेन्स टैक्स ही बचे हैं। ये दोनों बहुत महत्वपूर्ण हैं लेकिन ये उन कई चीजों में से केवल दो हैं जो बजट में होती थीं। दुनिया में बहुत कुछ ऐसा हो सकता है जिससे आपके इन्वेस्टमेंट पर असर पड़ सकता है। ऐसे इवेंट्स और उनके असर का अनुमान नहीं लगाया जा सकता। तो ऐसे में इन्वेस्टर को क्या करना चाहिए? यह एक यक्ष प्रश्न है।
कंट्रोल हो सके, उसपर ध्यान
इन्वेस्टर्स के लिए उस पर ध्यान देना अच्छा होगा जिसे वे कंट्रोल कर सकते हैं। आप कब इन्वेस्टमेंट करेंगे, किसमें इन्वेस्टमेंट करेंगे, किस प्राइस पर इन्वेस्टमेंट करेंगे, इस पर आपका कंट्रोल है। आप इस पर कंट्रोल कर सकते हैं कि इन्वेस्टमेंट किसी बड़ी तेजी के दौर में किया जाएगा या सोच-समझकर कर व्यवस्थित तरीके से। आपके पास उस रकम पर भी पूरा नियंत्रण है जिसे आप इनवेस्ट कर रहे हैं। आपकी वित्तीय योजना में वह रकम कितनी महत्वपूर्ण है? आप इसे कितनी अवधि के लिए इन्वेस्ट कर सकते हैं? क्या आपको इसकी अचानक जरूरत होगी, या यह किसी योजना वाले खर्च के लिए है? आपकी वित्तीय स्थिति कितनी मजबूत है? इसलिए इस बात पर ध्यान न दे जिस पर आपका कन्ट्रोल नहीं है।
सही जानकारी और समझ होना जरूरी
इन पहलुओं पर आपका नियंत्रण है या आपके पास इनके बारे में वास्तविक जानकारी है। बजट के असर या राजनीतिक घटनाओं या चीन के साथ अमेरिका की ट्रेड वॉर के बारे में आपकी जानकारी की तुलना में आपके पास अपनी वित्तीय स्थिति के संबंध में सही जानकारी और समझ होना अधिक जरूरी है। लोग उन चीजों के बारे में अधिक चिंता करते हैं जिन पर उनका नियंत्रण नहीं होता, लेकिन उसके बारे में अधिक नहीं सोचते जिस पर उनका नियंत्रण है। इसलिए सही जानकारी होने ही निवेश करें।
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