<![CDATA[कोयला और स्टील की बदौलत मार्च में बुनियादी उद्योगों के उत्पादन में पांच फीसद की वृद्धि हुई है। यह पिछले तीन महीने में सबसे ऊंची वृद्धि है। हालांकि, इन आठ प्रमुख उद्योगों के उत्पादन की वृद्धि दर पिछले साल मार्च के 9.3 फीसद के मुकाबले कम रही। इन बुनियादी उद्योगों में स्टील, कोयला, बिजली, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक और बिजली शामिल हैं। माना जा रहा है कि बुनियादी उद्योगों की तेज वृद्धि दर का असर औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों में दिखाई देगा। औद्योगिक उत्पादन का मूल आधार इन आठों बुनियादी उद्योग क्षेत्रों के प्रदर्शन पर ही निर्भर करता है। ये आठों उद्योग कुल औद्योगिक उत्पादन में 38 फीसद का योगदान करते हैं। इस साल फरवरी में देश का कुल औद्योगिक उत्पादन एक फीसद और मार्च में 3.4 प्रतिशत बढ़ा था। दिसंबर के दौरान इसमें 5.6 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई थी। सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक समीक्षाधीन माह के दौरान कोयला उत्पादन में 10 फीसद की वृद्धि हुई है। पिछले साल की समान माह में कोयला उत्पादन 2.5 फीसद बढ़ा था। स्टील उत्पादन में 11 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। मार्च, 2016 में इस सेक्टर की वृद्धि दर 7.8 फीसद थी। प्राकृतिक गैस के उत्पादन में 8.3, बिजली उत्पादन में 5.9 और कच्चे तेल में 0.9 की बढ़त दर्ज हुई। इसके उलट सीमेंट उत्पादन में 6.8 फीसद की गिरावट आई है। इसी तरह उर्वरक (फर्टिलाइजर) उत्पादन में 0.8 और रिफाइनरी में 0.3 फीसद की कमी दर्ज हुई। वैसे, मार्च में खत्म हुए बीते वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान बुनियादी उद्योगों के उत्पादन में 4.5 फीसद की बढ़ोतरी देखी गई ]]>