भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने इस बारे में एक सर्कुलर जारी किया है. इसमें जीवन बीमा कंपनियों को पॉलिसी दस्तावेज को जारी कर बीमाधारक के पास भेजने के नियम से छूट प्रदान कर दी. हालांकि, यह छूट सशर्त दी गई है.
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और सामान्य कारोबारी गतिविधियों में पेश आ रही दिक्कतों को देखते हुए बीमा नियामक इरडा ने एक जरूरी कदम उठाया है. रेगुलेटर ने जीवन बीमा कंपनियों को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से बीमा पॉलिसी यानी ई-पॉलिसी जारी करने की अनुमति दे दी है.
भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने इस बारे में एक सर्कुलर जारी किया है. इसमें जीवन बीमा कंपनियों को पॉलिसी दस्तावेज को जारी कर बीमाधारक के पास भेजने के नियम से छूट प्रदान कर दी. हालांकि, यह छूट सशर्त दी गई है.
इरडा ने कहा कि यह छूट 2020-21 के दौरान जारी की जाने वाली सभी बीमा पॉलिसियों के लिए मान्य रहेगी. विभिन्न बीमा कंपनियों के ग्राहकों तक पॉलिसी भेजने में आ रही दिक्कतों को लेकर चिंता व्यक्त करने के बाद इरडा ने यह निर्णय किया है.
कंपनियों को ई-पॉलिसी को देखने-समझने के लिए ग्राहक को 30 दिन का समय देना होगा. साथ ही ग्राहकों से ई-पॉलिसी लेने को लेकर सहमति हासिल करनी होगी. यदि ग्राहक उसके बाद भी हार्ड कॉपी या दस्तावेज की मांग करता है तो कंपनियों को उसे वह भेजना होगा. इस बीच नियामक ने जीवन बीमा कंपनियों को प्रत्येक तिमाही निवेश रिटर्न भी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भेजने की अनुमति दे दी है.