तीन बड़े अधिकार दिए
ईमानदार करदाताओं के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने नये प्लैटफॉर्म की घोषणा की है। कोविड-19 से अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। इसमें जान फूंकने के लिए सरकार लगातार नई कोशिशें कर रही है। सरकार के प्रति करदाताओं का भरोसा बढ़े इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ईमानदार करदाताओं के लिए आज नई घोषणाएं की हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आयकर विभाग के कामकाज को बेहतर बनाने एवं पारदर्शिता लाने के लिए हाल में कई तरह के कदम उठाए हैं। इसी कड़ी में ऑफिशियल कम्युनिकेशन को लेकर अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विभाग की ओर से डॉक्युमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर (DIN) की शुरुआत की गई है।
मोदी के संबोधन की बड़ी बातें
पीएम मोदी ने कहा कि ‘आज से शुरू हो रहीं नई व्यवस्थाएं, नई सुविधाएं, मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत करती हैं। ये देशवासियों के जीवन से सरकार को, सरकार के दखल को कम करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।’
प्रधानमंत्री ने पिछले 6 साल के दौरान अपनी सरकार के कामकाज की दिशा को रेखांकित करते हुए कहा, ”बीते 6 वर्षों में हमारा फोकस रहा है, बैंकिंग द अनबैंक्ड, सिक्योरिंग द अनसिक्योर्ड और फंडिंग द अनफंडेड। आज एक तरह से एक नई यात्रा शुरू हो रही है।”
उन्होंने बताया कि फेसलेस अपील की सुविधा 25 सितंबर यानी दीन दयाल उपाध्याय के जन्मदिन से पूरे देशभर में नागरिकों के लिए उपलब्ध हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अब कर प्रणाली भले ही फेसलेस हो रही है लेकिन करदाताओं को ये न्याय और निर्भयता का विश्वास देने वाला है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस प्लेटफॉर्म में फेसलेस असेसमेंट, फेसलेस अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर जैसे बड़े रिफॉर्म्स हैं। उन्होंने कहा कि फेसलेस असेसमेंट और टैक्सपेयर्स चार्टर आज से लागू हो गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष टैक्सेशन प्लेटफॉर्म ‘Transparent Taxation Platform- Honoring The Honest’ का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लोकापर्ण किया।देश में चल रहा संरचनात्मक सुधारों का सिलसिला आज एक नए पड़ाव पर पहुंचा है।
इस बैठक में आयकर विभाग के अधिकारियों एवं पदाधिकारियों के अलावा विभिन्न वाणिज्य मंडलों, व्यापार संघों एवं चार्टर्ड अकाउंटेंट संघों के साथ-साथ जाने-माने करदाता भी इस आयोजन में शामिल होंगे।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) की ओर से हाल के वर्षो में कई प्रमुख या बड़े सुधार लागू किए हैं। टैक्स सुधार कानूनों में बदलाव कर उसे करदाताओं के अनुकूल बनाने की कोशिशें लगातार की जा रही हैं, जिससे कामकाज में पारदर्शिता लाई जा सके।
इसके तहत विभाग की ओर से जारी किए जाने वाले हर कम्युनिकेशन पर एक कंप्यूटर जेनरेटेड यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर होता है।