हमने पिछले दशकों में टेक्नोलॉजी के आगमन को देखा है, जिसने हमारे जीवन के सभी पहलुओं को प्रभावित किया है और हमारे दृष्टिकोण को पूरी तरह से बदल दिया है। वर्तमान महामारी में , हम सबको घर से काम करना वर्क फ्रॉम होम नये दौर का न्यू नॉर्मल हो चुका है। लिए हेल्थ इंश्योरेंस क्षेत्र में भी टेक्नोलॉजी हमारे सहायक है ही, यदि कुछ बातों का ध्यान रखेंगे तो आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम कम रह सकता है।
टेक्नोलॉजी और बीमारियां
तकनीक की वजह से हमारी समग्र जीवन शैली बदल गई है। आज कोई कितने कदम पैदल चला, कितना नींद लिया या उनका ब्लड प्रेशर कितना है, हर्ट बीट क्या है, सभी जानकारी गैजेट्स पर उपलब्ध है। लोग इसका उपयोग भी खूब करने लगे हैं और आने वाले समय में इसका उपयोग निश्चित रूप से बढ़ने वाला है। हर कोई, फिट रहने और स्वस्थ रहने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहा है, ताकि जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों को दूर रखा जा सके।
77 मिलियन पेशेंट
अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह महासंघ के आंकड़ों के अनुसार, वैश्विक स्तर पर 463 मिलियन लोग डाइबिटीज से पीड़ित हैं। इनमें से 77 मिलियन से अधिक लोग भारत के हैं। इसके अलावा, वर्ष 2018 में कार्डियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया के 70वें वार्षिक सम्मेलन के दौरान हाई ब्लड प्रेशर पर पेश एक रिसर्च पेपर के अनुसार, भारत में हर पांच युवाओं में से एक, यानी लगभग 80 मिलियन लोग, हाई ब्लड प्रेशर से ग्रसित थे। डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के अलावा, अन्य बीमारियां भी आधुनिक जीवन शैली की बीमारियों के सूची में शामिल हो गई हैं। इन बीमारियों की वजह से शरीर जर्जर हो जाता है, जिस वजह से मेडिकल इमर्जेंसी की संभावना बढ़ जाती है। इससे कई लोगो के मन में एक सवाल खड़ा होता है कि अगर किसी को कोई मौजूदा मेडिकल इश्यू है तो क्या वह हेल्थ इंश्योरेंस ले सकता है?
कबर मौजूद है?
मौजूदा बीमारी का मतलब ऐसी बीमारी से है जो आपको बीमा पॉलिसी खरीदने से पहले से ही होती हैं। यहां सवाल उठता है कि क्या आप पहले से मौजूद बीमारी के साथ स्वास्थ्य बीमा खरीद सकते हैं? बाजार में कुछ ऐसी हेल्थ पॉलिसीज हैं, जो कि एक या एक से अधिक मौजूदा बीमारियों के होने पर भी कवरेज प्रदान करती हैं।
पूर्व-प्रतीक्षा अवधि
यह एक सामान्य कवरेज की शर्त है जो अधिकांश स्वास्थ्य बीमा योजनाओं में पाई जाती है। केवल पहले से मौजूद बीमारियों के लिए एक विशिष्ट प्रतीक्षा अवधि होता है, जो उस तारीख से शुरू होती है जब पॉलिसी पहले जारी की जाती है। प्रतीक्षा अवधि के दौरान स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के तहत पहले से मौजूद बीमारियों से उत्पन्न होने वाली चिकित्सा जटिलताओं के लिए कवरेज प्रदान नहीं किया गया है। हालांकि, एक बार प्रतीक्षा अवधि समाप्त होने के बाद, किसी भी चिकित्सा जटिलता के लिए कवरेज प्रदान की जाती है, जो आपकी पूर्व-मौजूदा स्थिति के कारण हुई हो । प्रतीक्षा अवधि आमतौर पर 2 साल से 4 साल तक की होती है।
पहले से बीमारी है तो क्या करें?
आप अपने लिए या अपने परिवार के लिए हेल्थ पॉलिसी खरीदते समय, प्रतीक्षा अवधि की जांच करें। साथ ही इसे भी जानें कि क्या आपके या परिवार के किसी सदस्य की कोई पूर्व-मौजूदा बीमारी है? इससे आप कम से कम प्रतीक्षा अवधि वाली योजना का चयन कर सकते हैं। प्रतीक्षा अवधि को तब भी आगे बढ़ाया जा सकता है, जब आप अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को एक बीमाकर्ता से दूसरे में पोर्ट करवाते हैं।
प्री-एंट्रेंस हेल्थ चेक-अप
पहले से मौजूद बीमारियों के मामले में, स्वास्थ्य बीमा कंपनियां आमतौर पर पॉलिसी जारी करने से पहले प्री-एंट्रेंस हेल्थ चेक-अप की मांग करती हैं। यह चेक-अप पहले से मौजूद बीमारी की गंभीरता का आकलन करने और उच्च जोखिम वाले मामलों को खारिज करने के लिए किया जाता है। चेक-अप के परिणामों के आधार पर, मेडिकल अंडरराइटिंग की जाती है और पॉलिसी जारी की जाती है। प्री-एंट्रेंस हेल्थ चेक-अप वास्तव में अच्छी होती है, क्योंकि, पहले से मौजूद बीमारी की गंभीरता को सुनिश्चित करने के जिम्मेदारी बीमाकर्ता की होती है।
प्रीमियम वृद्धि एवं कवरेज प्रतिबंध
यदि पहले से मौजूद कोई बीमारी यदि क्रोनिक (Chronic) है तो वह स्वास्थ्य के जोखिम (Health Risk) को बढ़ाती है। ऐस में बीमा कंपनी पॉलिसी का प्रीमियम बढ़ा सकती है। इस मौजूदा बीमारी (Existing Illness) के लिए उच्च प्रीमियम (High Premium) लिया जाता है और यदि आप बढ़े हुए प्रीमियम का भुगतान करने के लिए तैयार हैं, तो पॉलिसी जारी की जाती है।
कोरोना वायरस और पहले से मौजूद बीमारी
हाल के कोरोना वायरस महामारी के साथ, पहले से मौजूद बीमारी से गंभीर खतरा होता है, क्योंकि इस वजह से इस घातक वायरस के शिकार होने की अधिक संभावना होती हैं। ऐसे में स्वास्थ्य बीमा योजना और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। हालांकि, आईआरडीएआई (IRDAI) ने दो अल्पकालिक स्वास्थ्य बीमा योजनाएं जारी की हैं – कोरोना कवच और कोरोना रक्षक। इन योजनाओं को कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती होने पर उपचार खर्चों को पूरा करते हैं। ये योजनाएं कोविड-19 संबंधित क्लेम्स को कवर करती हैं और यहां तक कि पहले से मौजूद स्थितियों को भी कवर करती हैं।